भारतीय वायुसेना के जाने माने एअर वाइस मार्शल चंदनसिंह की जयंति के मौके पर उनकी मूर्ति का लोकापर्ण जोधपुर एअरफोर्स स्टेशन के समीप स्थित डेजर्ट वॉरियर म्यूजियम परिसर में हुआ। इसके साथ ही म्यूजियम भी शुरू हो गया। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश पीएस भाटी व जोधपुर एअरफोर्स स्टेशन के कमांडिंग आफसिर प्रजोसिंह ने मूर्ति का लोकापर्ण किया। इस मौके पर उनकी पत्नी सहित अन्य लोगों ने उन्हें पुष्पचक्र अर्पित किए। एवीएम चंदनसिंह ऐसे सैनिक थे जिन्होंने आजादी से पहले अपने सैन्य जीवन की शुरूआत आर्मी से की थी, आजादी के बाद वे सीधे एअरफोर्स में कैप्टन बने और अपने शौर्य की पताका फहराई।
पाली के जिले के बागावास के रहने वाले एवीएम चंदनसिंह ने 1971 की लडाई में हेलिकॉप्टर दस्ते से भारतीय सेना की मदद की थी। पूर्वी सीमा पर पूरी कमान उनके हाथमें ही थी। इससे पहले 1962 के युद्ध में चीन बोर्डर पर वे हेलिकॉप्टर से लद्दाख के दुर्गम इलाकों मे सेना की मदद पहुंचाने में कामयाब हुए थे। उनके इस साहस पर कई किताबें भी लिखी गई है।
मूर्ति लोकापर्ण के मौके पर जस्टिस पीएस भाटी ने एवीएम चंदनसिंह द्वारा की देश के प्रति सेवा को अतुलनीय बताया। इस मौके पर सेना व वायुसेना के कई पूर्व सैनिक व अधिकारी भी इस समारोह में शामिल हुए। राज्य सैनिक कल्याण परिषद समिति के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह ने कहा कि हम बचपन में उनके किस्से सुनकर ही बढे हुए हैं। उन्होंने आजादी से पहले और आजादी के बाद की प्रमुख लडाइयों में मारवाड का नाम रोशन किया।