1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लोंगेवाला पोस्ट पर लड़ाई के दौरान भैरोसिंह ने अदम्य साहस का परिचय दे दुश्मन के टैंकों को उड़ाया था. सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. भैरोसिंह लंबे समय से समय से बीमार चल रहे थे. कुछ दिनों पहले भी वह एम्स में भर्ती हुए थे.
1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लोंगेवाला पोस्ट पर जो लड़ाई हुई उसमें एक अहम किरदार निभाया था भैरोसिंह ने. इस पर बनी ‘बार्डर’ फिल्म में इस किरदार को सुनील शेट्टी ने निभाया था. हालांकि फिल्म में उन्हें शहीद बताया गया था. कुछ दिनों पहले बीमार होने पर वह जोधपुर एम्स में भर्ती हुए थे. सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली.
16 दिसंबर को विजय दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर बात करनी चाही, लेकिन बीमार होने से वह बात नहीं कर पाए. उनके बेटे सवाई सिंह ने पीएम से बात की. पीएम ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके लोंगेवाला में दिखाए शौर्य को लेकर तारीफ भी की. खास बात यह है भैरोसिंह बीएसएफ के जवान थे लेकिन उनको युद्ध के बाद सेना मेडल मिला. लेकिन मेडल के अनुरूप मिलने वाले लाभ नहीं मिले. पुत्र सवाई सिंह ने बताया कि उनको सरकार की तरफ से कोई जमीन नहीं मिली. कोई आर्थिक लाभ भी नहीं मिला. अंतिम समय में उनको 12000 मासिक पेंशन मिल रही है.
लंबे समय से चल रहे थे बीमार: भैरोसिंह लंबे समय से समय से बीमार चल रहे थे. कुछ दिनों पहले भी वह एम्स में भर्ती हुए थे. तबीयत ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई. पिछले सप्ताह सांस की तकलीफ के चलते उन्हें वापस भर्ती करवाया गया. 2 दिन पहले उन्हें वेंटिलेटर पर ले लिया गया था. सोमवार को करीब 12:30 बजे अंतिम सांस ली. बीएसएफ की एंबुलेंस से उनके शव को पहुंचाया गया. भैरोसिंह जोधपुर के शेरगढ़ क्षेत्र के निवासी हैं.
टैंकों की बनाई थी कब्रगाह: उस युद्ध में लोंगेवाला पोस्ट पर भारत के 120 जवानों ने पाकिस्तान की पूरी टैंक रेजीमेंट 2000 जवानों के साथ मुकाबला हुआ था. भारतीय सेना ने टेंकों का कब्रगाह बना दिया था. उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया था. उस युद्ध में वीरता का परिचय देने वाले भैरोसिंह ने अपनी एमएमजी मशीन से कई पाकिस्तानी टैंकों को उड़ाया था. कई सैनिकों को मौत की नींद सुला दिया था. धरती को अपनी मां समझने वाले भैरोसिंह ने दुश्मनों के नापाक कदम इस धरती पर नहीं पड़ने दिए थे. भैरोसिंह को सेना मेडल से नवाजा गया था.