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Tuesday, December 24, 2024

कॉलेज खोलने का उद्देश्य तब सफल होगा जब सिरोही का एक-एक लडक लडकी कॉलेज तक पढाई करेगा- संयम लोढा

तुरी भाट समाज शिक्षा सेवा संस्थान के प्रथम प्रतिभावन सम्मान समारोह आयोजित

कॉलेज खोलने का उद्देश्य तब सफल होगा जब सिरोही का एक-एक लडक लडकी कॉलेज तक पढाई करेगा- संयम लोढा

तुरी भाट समाज शिक्षा सेवा संस्थान के प्रथम प्रतिभावन सम्मान समारोह आयोजित

सिरोही, 29 दिसम्बर।
विधायक संयम लोढा ने कहां कि सिरोही में नर्सिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, शिवगंज में लडकियों का कॉलेज, सिरोही में स्नाकोत्तर महाविद्यालय, कालंद्री में कॉलेज, 12वीं के 40 स्कूल व 8वीं तक के सभी स्कूल को 12वीं में क्रमोन्नत, 15 अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूल खोले। यह सभी कॉलेज व स्कूलों खोलने का मेरा उद्देश्य तभी सफल होगा जब सिरोही का एक एक लडका-लडकी कॉलेज तक पढाई करेगा। लोढा इंद्रा कॉलोनी मेरमांडवाडा में आयोजित तुरी भाट समाज शिक्षा सेवा संस्थान के प्रथम प्रतिभावन सम्मान
समारोह को संबोधित करते रहे थे।

विधायक संयम लोढा ने कहां कि हम एक नये समाज का निर्माण तभी कर पायेंगे जब हम हमारे बच्चे को अच्छी शिक्षा ग्रहण करायेंगे। सिरोही में एसपी,
तहसीलदार, उपखंड अधिकारी महिला है वह तभी इस पद पर पहुंची कि उन्होंने अच्छी शिक्षा ग्रहण करके अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित किया। हमारी बच्ची भी इन पदों पर पहुंच सकती है इसके लिए हम कम खर्चा कर बच्चो को पढाये। लोढा ने कहां कि कबीरदास ने कुरीतियों व अंधविश्वास से लोगो को जगाने का काम किया है। दलित समाज में जन्म लेने के बाद भी इतना उन्होंने लिखा कि आज कोई भी हिंदी साहित्य का विद्यार्थी बिना कबीर दास को पढे पीएचडी नही कर सकता। कबीरा खडा बाजार में, मांगे सबकी खैर, ना काहू से
दोस्ती, ना काहूं से बैर, पोथी पढि पढि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढे से पंडित होय। कबीर दास ने अपने दोहे के माध्यम से एक प्रेम को जगाने का काम किया है। वो दौर जब मुगलो का राज था, लोग डर डर के धर्म बदल रहे थे, धर्म बदलने के लिए बाध्य किये जा रहे थे उस दौर में कबीरदास ने लिखा और लोगो को जागृत करने का काम किया।

विधायक संयम लोढा ने कहां कि महात्मा बुद्व ने समता की बात कही, समानता की बात कही, भाईचारे की बात कही। लोढा ने महात्मा बुद्व का एक दृष्टांत
सुनाते हुए कहां कि बुद्व जब जंगल में गये एक बच्चा घास का भारा लेकर निकल रहा था, बुद्व ने कहां ये घास का भारा मुझे दे दो, मुझे आसन बनाने के लिए चाहिए, बच्चे ने कहां मै आपको नही दे सकता, बुद्व ने पूछा क्यो
नही दे सकते, तो बच्चे ने कहां मै अछूत हूं इसलिए आपको नही दे सकता, इसके बाद बुद्व ने उस बच्चे से घास लेकर उसी पर अपना आसन बनाया। इस तरह बुद्व भारत में पहले समता सैनिक थे। लोढा ने कहां कि हम अम्बेडकर के ऋणी है कि
उन्होंने एक खूबसुरत संविधान देश को दिया जिसके कारण भारत में लगातार प्रजातांत्रिक व्यवस्था जारी है। हर तबका आगे बढा और उम्मीदो का सफर जारी
है। विधि मंत्री के रूप में स्तरीयों के पक्ष में उनके द्वारा बनाये गये
कानून ने भारतीय समाज में परिवर्तन की बुनियाद रखी।

विधायक संयम लोढा ने कहां कि जिस भी समाज ने जमीन मांगी है, उसे जमीन दी है। आप भी समाज के लोग पहल करो, जमीन दिलाऊंगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता मेर मांडवाडा सरपंच गुमानसिंह देवडा ने की। इस अवसर पर मेहसाणा प्रमुख
जगदीश भाई, महाराज मगनदास, सरपंच लहराराम, सरपंच शंतिलाल, दलित संगठन अध्यक्ष दलाराम राव, अध्यक्ष छगन कुंडला, सेवानिवृत फौजी महेन्द्र सिंह राव, महिला जिला अध्यक्ष हेमलता शर्मा, नैन मल कुंडला, रमेश खोतिन मौजूद
रहे।

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