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Tuesday, December 24, 2024

रेलवे स्टेशनों पर कियोस्क से स्थानीय उत्पादों को मिली देशभर में पहचान

-यात्रियों को स्थानीय उत्पाद रेलवे स्टेशनों पर मिलने लगे
-एक स्टेशन एक उत्पाद योजना
-नाम मात्र का है पंजीयन शुल्क
जोधपुर, 24 फरवरी । स्थानीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा और लघु उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के महत्ती उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा आरंभ की गई महत्वाकांक्षी एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों पर लगाए गए कियोस्क दूरदराज से आने वाले रेलयात्रियों को रास आने लगे हैं । जहां यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर उस क्षेत्र के प्रसिद्ध उत्पाद यात्रा के दौरान ही आसानी से मिलने लगे हैं वही उत्पादक भी बिक्री का उचित प्लेटफार्म मिलने से उत्साहित है। इसके साथ ही जोधपुर के हस्तनिर्मित उत्पादों को देश में पहचान भी मिलने लगीं हैं।
डीआरएम गीतिका पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के अंतर्गत उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर 16 स्थाई कियोस्क स्थापित किए गए हैं जिन्हें नाम मात्र के पंजीयन शुल्क पर स्थानीय उत्पादकों को 15-15 दिनों के लिए आवंटित किया जा रहा है और इन पर वह अपने हस्त निर्मित उत्पाद बिक्री के लिए रख रहे हैं। हालांकि संशोधित निर्देशानुसार किसी स्टेशन पर आवेदकों की संख्या के अनुरूप इन कियोस्कों की आवंटन अवधि को डीआरएम के अनुमोदन से 15 दिन से एक माह और तीन माह तक बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन इन उत्पादों की बिक्री के लिए सबसे उपयोगी और आसान पहुंच वाला प्लेटफार्म है जहां यात्री प्लेटफार्म पर गाड़ी से आवागमन से बचे हुए समय का सदुपयोग करते हुए कियोस्क पर स्थानीय उत्पादों का अवलोकन व उनकी खरीद कर क्षेत्र के प्रसिद्ध वस्तुएं उपयोग व स्मृति के बतौर अपने साथ ले जाते हैं जिससे स्थानीय उत्पादों के कारण क्षेत्र की पहचान देश के विभिन्न हिस्सों में तो बनती ही है साथ ही उद्यमी को भी इनकी बिक्री से आर्थिक संबल मिल जाता है।
पांडेय ने बताया कि जोधपुर मंडल के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर स्थापित कियोस्क पर टेक्सटाइल, जूट क्राफ्ट, मिठाई, जूती – मोजड़ी, हैंडीक्राफ्ट के सजावटी आइटम , भुजिया- पापड़, मूंग बड़ी, सौंफ, मार्बल व छीतर पत्थर के कलात्मक उत्पाद इत्यादि के कियोस्क सफलतापूर्वक संचालित किए जा रहे हैं जिससे लघु उद्यमी व रेलयात्री उत्साहित हैं।

किस स्टेशन पर लगी है कौन सी कियोस्क

● जोधपुर रेलवे स्टेशन- टेक्सटाइल व जूती क्राफ्ट
● पाली मारवाड़- गुलाब हलवा मिठाई
● जालोर- जूती/मोजड़ी
● भगत की कोठी – हैंडीक्राफ्ट के सजावटी आइटम
● नागौर- खाद्य संबंधित वस्तुएं(भुजिया/पापड़)
● बाड़मेर- मूंग बड़ी
● सुजानगढ़- कत्थी-चूरी व सौंफ
● जैसलमेर- हैंडीक्राफ्ट स्टोन प्रोडक्ट्स
● मकराना- मार्बल स्टोन प्रोडक्टस
● रामदेवरा- हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट
● नोखा- फूड प्रोडक्ट्स (पापड़ भुजिया)
● रानीवाड़ा(अतिरिक्त) – हैंडलूम प्रोडक्ट
● रेण (अतिरिक्त) – फूड प्रोडक्ट

क्या है एक स्टेशन एक उत्पाद योजना
केंद्र सरकार की वोकल फॉर लोकल नीति के तहत रेलवे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद योजना 2023 चला रहा है। OSOP योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों पर उत्पादों की बिक्री के लिए कियोस्क स्थापित किये गए हैं। इन कियोस्क पर आवेदन करके लघु उद्यमी अपने प्रोडक्टों को बेच रहे हैं। एक स्टेशन एक उत्पाद योजना की मुख्य विशेषता यह है कि प्रोडक्ट बेचने के लिए रेलवे नाममात्र राशि वसूल करता है। हालांकि 15 दिनों के बाद यह कियोस्क अन्य उद्यमी को भी ट्रांसफर कर दिया जाता है। हैंडीक्राफ्ट, चाट-पकौड़ी, लजीज व्यंजन, खिलौने व जूती-मोजड़ी जैसे स्थानीय उत्पाद रेलवे स्टेशनों पर मिल रहे हैं इससे लोग अपने सफर में विभिन्न क्षेत्रीय उत्पादों का लुत्फ उठा रहे हैं।
यात्रियों को लुभा रहे हैं स्थानीय प्रोडक्ट
देश के विभिन्न स्टेशनों पर यह सुविधा शुरू हुई तो यात्रियों को अब प्लेटफार्म पर एक नई वैरायटी मिलने लगी है। किसी स्टेशन पर उस क्षेत्र की मशहूर चाट हो या मिठाई… अथवा हैंडीक्राफ्ट हो या खाद्य वस्तुएं यह यात्रियों को खूब लुभाते हैं। यही कारण है कि यात्री सफर के दौरान बेझिझके बेरोकटोक खर्च करते हैं और स्थानीय उत्पादों का आनंद लेते हैं । इससे मध्यम व्यवसायी वर्ग को संबल मिल रहा है।

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