राज्य चुनाव आयोगों के सम्मेलन का राज्यपाल कलराज मिश्र ने किया शुभारम्भ
राज्य चुनाव आयोगों के सम्मेलन का सोमवार को माउंट आबू में शुभारंभ हुआ
इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं में आमजन के विश्वास को मजबूत करने में निर्वाचन आयोगों की प्रभावी भूमिका है। उन्होंने मतदान के प्रति लोगों को जागरूक कर चुनाव प्रक्रिया में नागरिकों की अधिकाधिक सहभागिता सुनिश्चित किए जाने का आह्वान भी किया है।
राज्यपाल मिश्र सोमवार को माउंट आबू स्थित आंतरिक सुरक्षा अकादमी कॉन्फ्रेंस हॉल में सुदृढ़ लोकतंत्र में राज्य चुनाव आयोगों की भूमिका विषयक सम्मेलन में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वही लोकतांत्रिक संस्थाए सुदृढ़ होती हैं जहां नागरिकों की अधिकाधिक सहभागिता होती है और स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव ही इसका आधार है। उन्होंने कहा कि चुनाव कराने की प्रक्रिया जितनी महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वमतदान में अधिकाधिक भागीदारी का भी है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए मतदान प्रतिशत बढ़ाने और सजग एवं जिम्मेदार नागरिकों को चुनाव लड़कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी के लिए प्रेरित करने की दिशा में भी कार्य करने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है और संविधान ही चुनाव आयोग की शक्तियों की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि संविधान प्रदत्त अधिकारों और शक्तियों का समुचित उपयोग करते हुए पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों की चुनाव प्रक्रिया का प्रभावी संचालन कर निर्वाचन आयोग लोकतंत्र को मजबूत करने का कार्य कर रहे हैं।
राज्यपाल मिश्र ने चुनावी व्यय में कमी लाने के उपायों पर सम्मेलन में चर्चा किए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विभिन्न राज्यों में गठित राज्य निर्वाचन आयोग अपने यहां अपनाए गए नवाचारों और अनुभवों को साझा करेंगे ताकि पंचायत स्तर तक लोकतंत्र को सशक्त करने के लिए प्रभावी कार्य हो सके।
राज्यपाल ने कहा कि लोगों को संविधान से जुड़ी संस्कृति के प्रति जागरूक करना सदैव उनकी प्राथमिकता रही है। इसी उद्देश्य से राज्य वित पोषित विश्वविद्यालयों और जयपुर स्थित राजभवन में संविधान उद्यान के निर्माण सहित विभिन्न पहल की गई हैं।
राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने कहा कि संवैधानिक संस्था के रूप राज्य निर्वाचन आयोगों को भी वही शक्तियां, स्वतंत्रता और स्वायत्तता प्रदान किए जाने की जरूरत है, जो वर्ष 1994 के बाद भारत निर्वाचन आयोग को दी गई हैं। उन्होंने अपने संबोधन में चुनाव प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी और तकनीक के प्रभाव, स्थानीय निकाय चुनावों और पंचायत चुनावों में फंडिंग, चुनाव प्रक्रिया का व्यय घटाने के लिए ईवीएम सहित संसाधनों के बेहतर उपयोग सहित विभिन्न पहलुओं की चर्चा की।
आंध्र प्रदेश की राज्य निर्वाचन आयुक्त नीलम साहनी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि राज्य चुनाव आयोगों के बेहतर प्रबंधन पर विचार-विमर्श की दृष्टि से यह सम्मेलन महत्वपूर्ण साबित होगा।
सम्मेलन में राज्य निर्वावन आयोग के पूर्ण स्वतंत्र और समेकित बजट, आईटी के प्रभावी उपयोग, मतदाता जागरूकता के लिए नवाचार आदि मुद्दों पर प्रभावी रूप से चर्चा की गई। आरम्भ में राज्यपाल मिश्र ने संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्त्तव्यों का वाचन किया।
सम्मेलन में महाराष्ट्र के राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री उरविन्दर पाल सिंह मदान सहित विभिन्न राज्यों के चुनाव आयुक्त, सचिव एवं अधिकारी उपस्थित रहे।