संघ प्रवक्ता धनराज विनायकिया ने बताया कि रत्न प्रभ धर्म क्रिया भवन प्रागण में बरखेड़ा तीर्थोद्वारिका महत्तरा साध्वी सुमंगलाश्री की पट्ट शिष्या कुशल निर्देशिका साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री की सद्प्रेरणा से लाभार्थी महावीरचंद्र शारदा कास्टीया परिवार की ओर से महतरा सुमंगला हॉल नवीकरण शिलालेख का पुन्याहाम पुन्याहाम पुन्याहाम की स्वर लहरियों से उद्घाटन किया गया इस अवसर पर वलभ समुदाय के गणिवर्य जयकीर्तिविजय, सागर समुदाय के निपुणचंद्रसागर सुमतिचंद्रसागर एवं क्रिया भवन चातुर्मास संत सिद्धेशचंद्रसागर आदि साधु साध्वीवृंद तथा संघ अध्यक्ष दीपचंद तातेड उपाध्यक्ष प्रोफेसर भैरूमल मेहता कोषाध्यक्ष विनोद कुमार मेहता सचिव उमेदराज रांका बलवंतराज ललित पोरवाल चंद्र प्रकाश सुरेश पगारिया आदि कई संघ सदस्यगण गणमान्य महानुभाव मौजूद थे। इस अवसर पर मुनि जयकीर्ति विजय ने सुमंगलाश्री के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैसे ही उसका नाम दाखा था वैसे ही उनकी दाखा जैसी मीठी वाणी थी । रांका व विनायकिया आदि सदस्यों ने महिमा गुणगान किया।