बालेसर माइक कांड के बाद हर व्यक्ति की जुबान पर एक ही चर्चा आखिर क्या चल रहा है भाजपा में?
अनुशासन और सिद्धांतों के लिए अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाली भारतीय जनता पार्टी में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है बात करें तो अनुशासन और सिद्धांतों को इन दिनों एक तरफ करते हुए व्यक्तिवादी विचारधारा और स्व हित साधने की योजना से काम करने वाले लोगों ने एक तरह से संगठन तक अपना कब्जा कर लिया है यदि बात करें जोधपुर की तो लोकसभा चुनाव 2014 के बाद पार्टी के सिद्धांत और अनुशासन की पालना करने का सिस्टम धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ने लगा द न्यूज बर्ड की टीम ने भाजपा के कार्यकर्ताओ की नब्ज टटोली तो उनका कहना था कि जब विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान 2014 से 2018 की अवधि में नेता और सांसद बने गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूरी तरह से गुटबाजी और व्यक्तिवाद को जन्म देकर पार्टी कि कई पारंपरिक सीटों को कांग्रेस के खाते में डलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई! इतना ही नहीं धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता गया और वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे कई कार्यकर्ताओ को लोकसभा चुनाव 2019 के आते-आते साइडलाइन करते हुए अपने व्यक्तिश: प्रिय लोगों को पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में सामने लाकर खड़ा कर दिया और पुराने सिद्धांत वादी सक्रिय कार्यकर्ताओं को एक तरह से साइडलाइन कर समाप्त करने का प्रयास किया गया
और यदि याद करे सोशियल मीडिया और धरातल पर दिखने वाले एक समानांतर संगठन टीम जीएसएस को तो कही ना कही यह बात सत्य भी प्रतीत होती है हालांकि इस दौरान कई कार्यकर्ता साइडलाइन होकर घर बैठ गए लेकिन अनुशासन और सिद्धांतों की बात करने वाली पार्टी में अनुशासन और सिद्धांत नए लोगों के आचरण के चलते गायब ही हो गये इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने जब
जगतनारायण जोशी को जिला अध्यक्ष की कमान सौंपी थी तो भाजपा संगठन में जबरदस्त उत्साह का संचार देखने को मिला था और कई कार्यकर्ता जो इस व्यक्तिवादी सिस्टम के कारण घर बैठ गए थे उनमें भी एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और एक बार फिर वे लोग फील्ड में नजर आने लगे जगतनारायण जोशी के जिलाध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान प्रदेश की कांग्रेस सरकार को नगर निगम चुनावों के लिए एकबारगी विचार में डाल दिया था कि भाजपा कि ईतनी सक्रियता कहीं कांग्रेस को नगर निगम के बोर्ड से दूर ना कर दे लेकिन कुछ ही समय में जनता और कार्यकर्ताओं में अपनी जबरदस्त पकड़ कर चुके जगत नारायण जोशी भी इन व्यक्तिवादी और गुटबाजी की विचारधारा रखने वाले नेताओं को नागवार गुजरे और एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष पद पर देवेंद्र जोशी की ताजपोशी कर दी गई देवेंद्र जोशी के दूसरे कार्यकाल में भाजपा शून्य प्राय ही नजर आई क्योंकि संगठन और उसके क्रियाकलापों का संचालन का केंद्रीकरण हो गया तथा सारी जिम्मेदारियां उन्हीं लोगों को दे दी गई जो 2014 से 18 की अवधि में पार्टी लाइन में लाए गए थे और संगठन के क्रियाकलापों का रिमोट कंट्रोल भी किसी और के हाथ में था हालांकि संगठन का रिमोट कंट्रोल आज भी उन्ही हाथो में है भले ही जिलाध्यक्ष देवेंद्र जोशी के स्थान पर देवेंद्र सालेचा को बना दिया गया हो
चुकी अब विधानसभा चुनाव नजदीक है तो कई प्रकार की गतिविधियां शुरू हो चुकी है लेकिन आम जनता की जब हमारे द्वारा नब्ज टटोली गई तो अधिकांश का कहना यह था कि भारतीय जनता पार्टी इस बार के विधानसभा चुनाव में व्यक्तिवाद और गुटबाजी की भेंट चढ़ते हुए सत्ता से दूर ही रहेगी