जोधपुर। शहर से लगभग 10 किमी दूर कायलाना झील के ऊपर की पहाडियों पर स्थित भीमभड़क महादेव मंदिर गुफा में सालासर बालाजी सेवा समिति की ओर से पुष्प श्रृंगार के साथ पंचामृत से अभिषेक किया गया। जिसमें शहर भर के शिव भक्तों ने बड़ चढ़ कर हिस्सा लिया। भीमभड़क गुफा इस दौरान बम बम भोले के जयकारों से गुंज उठी।
शहर के शिवालय में जहां सावन का दूसरा सोमवार श्रृद्धा व भक्ति के साथ उल्लास से मनाया गया। वहीं सोमवती अमावस्या व हरियाली अमावस्या पर भीमभड़क गुफा में स्थित 3200 किलो वजनी विशाल शिवलिंग का श्रृंगार कर पंचामृत से अभिषेक किया गया। सालासर बालाजी सेवा समिति के लवीन प्रजापत, ललीत पंवार, जितेन्द्र खेतानी, अरूण माथुर आदि ने इस विशाल शिवलिंग का श्रृंगार किया और अभिषेक किया। गुफा में देर रात तक शहर के सबसे बड़े शिवलिंग का रूद्र अभिषेक भी होता रहा। मंदिर परिसर में दिन भर मेले सा माहौल था।
गौरतलब है कि जोधपुर की स्थापना के बाद भीमभड़क गुफा को राजपरिवार ने अपने संरक्षण में ले लिया। महाराजा तखतसिंह जी ने अपने समय में इसमें कुछ निर्माण कार्य करवाये। इस गुफा में 3200 किलो का एक विशाल शिवलिंग है। पिछले कुछ सालों से तपस्या करने वाले अनुयायी यहाँ रहते है और देख-रेख का कार्य भी वे ही करते हैं। लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि कुछ नवीन निर्माण कार्यों की वजह से इसकी प्राचीनता पर बुरा असर पड़ रहा है. वर्तमान महाराजा गजसिंह जी इस स्थान को संरक्षित करके, इसे राष्ट्रीय स्मारक बनाकर पर्यटकों के लिए खोलना चाहते हैं।