जेएनवीयु गैंगरेप: मामले में 414 पेज की चार्जशीट पेश, जिसने इज्जत लूटते देखी वही बना पुलिस का अहम गवाह
जेएनवीयू के पुराना परिसर में हुए बहुचर्चित गैंगरेप की पुलिस ने जांच पूरी कर बुधवार को आरोपियों के विरुद्ध चालान पेश कर दिया। आरोपियों के विरुद्ध पुलिस ने डिजीटल और जैविक साक्ष्यों को ही चालान में आरोपों का आधार बनाया है। आरोपी समंदर सिंह, भट्टम सिंह, धर्मपाल सिंह और सुरेश कुमार के खिलाफ पेश चालान में इस घटना का मुख्य गवाह पुलिस ने युवती के प्रेमी युवक को ही बनाया है। जिसके सामने तीनों दरिंदों ने उसकी इज्जत लूटी थी। इसके अलावा युवती के बयान इस चालान का आधार है। महज दस दिन में जांच कर चालान पेश करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पडी। खास बात यह है कि पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट भी हासिल कर ली। जिसमें आरोपियों के स्पर्म युवती के शरीर, कपडे और घटना स्थल पर मिलने की पुष्टि हुई है। इस जैविक साक्ष्य से ही दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। इसके अलावा डिजीटल साक्ष्य के रूप में फोन की लोकेशन, सीसीटीवी फूटेज भी साक्ष्य के रूप में पेश किए गए हैं। एडीसीपी निशांत भारद्वाज ने बताया कि हमने कोर्ट से निवेदन किया कि जल्द इस मामले के ट्रायल शुरू की जाए। पीड़िता के लिए नीलकमल बोहरा को अधिवक्ता नियुक्त किया गया है।
देर रात दो घंटे तक हॉकी मैदान में चला हैवानियत का खेल
आरोपी करीब रात ढाई से तीन बजे के बीच हॉकी मैदान में पहुंच गए थे। करीब दो घंटे तक हैवानियत करते रहे। जहां युवक के साथ मारपीट कर उसे एक आरोपी ने पकड लिया। जबकि दो जनों ने युवती पर काबू पाया। उसके कपडे उतारे। उसके बाद बारी बारी दुष्कर्म किया। यह क्रम कई बार चला। हर बार एक आरोपी युवक को पकडता रहा। वह युवती के साथ होती दरिंदगी देख रोता रहा। लेकिन दरिंदों का दिल नहीं पसीजा। उलटा उसे कहा कि तुझे पचास हजार रुपए दे देंगे चुप रहना। इस दौरान साढे चार बज गए। इस दौरान जब युवक को दूर कोई व्यक्ति नजर आया तो वह हिम्मत जुटाकर हाथ छुडाकर भागा। व्यक्ति को आता देख आरोपी युवती को छोडकर मौके से भाग गए। जब व्यक्ति पहुंचा तो युवती आपतिजनक स्थिति में थी। उसने ही पुलिस को सूचित किया।
आरोपियों ने पिड़िता और उसके साथी का नाबालिग होने का फायदा उठाया
आरोपियों को इस बात का विश्वास था कि दोनों घर से भागे हुए हैं। इसलिए बोलेंगे नहीं चुपचाप चले जाएंगे। इसके चलते यह कृत्य किया। लेकिन जब घटना के बाद वहां से भागे तो डरने लगे थे। एक जने ने कहा कि हमने गलत किया है पकडे जाएंगे। तो एक नहीं कहा चुप रहो। जोधपुर से बाहर चलते हैं। लेकिन पहले चाय पीते हैं। रातानाडा चौराहा के पास चाय पीने लग गए। इधर तब तक पुलिस सक्रिय हो चुकी थी। लोकेशन व सीसीटीवी सहित कई तथ्यों के आधार पर पुलिस ने पहचान कर ली। रातानाडा चौराहा पर पुलिस को देखते ही तीनेां आरोपी गणेशपुरा की पहाडी तरफ दौडे। पुलिस ने पीछा कर पकड लिया। जिन्हे बापर्दा गिरफ्तार किया गया।
गैंगरेप की असल कहानी शुरू हुई गेस्ट हाउस के सुरेश की खराब नियत से
15 जुलाई की रात को जब युवक युवती अजमेर से जोधपुर पहुंचे तो पावटा स्थिति कृष्णा गेस्ट हाउस में जाकर कमरा मांगा। लेकिन नाबालिग होने से मैनेजर सुरेश ने दोनों को अलग अलग कमरा दिया। युवक को नीचे कमरा देकर उसके बाहर ताला लगा दिया था। रात करीब एक बजे शराब के नशे में सुरेश युवती के कमरे में बदनियती से पानी की बोटल लेकर वह घुसा तो युवती ने लेने से मना कर दिया। दो तीन बार उसके कमरे की लाईट जलाई। इस पर उसने नाराजगी जताई। इसके बाद सुरेश ने सीधे उसे पकड लिया। युवती ने चिल्लाना शुरू कर दिया तो सुरेश डर गया। तो उसने कहा कि अभी के अभी बाहर निकलो। युवती को नीचे लाया और युवक के कमरे का ताला खोलकर उसे भी बाहर निकाल दिया। दोनों ने जो 1500 रुपए दिए थे वह भी वापस नहीं दिए। रात सवा एक बजे दोनों पावटा बस स्टेंड के पास खाद बीज की दुकान के बाहर बैठ गए। जहां तीनों आरोपियों से उनकी मुलाकात हुई। सुरेश के खिलाफ पोक्सो और छेड़ छाड़ की धाराएं लगाई गई है।
हंगामोे के बाद पुलिस ने चालान में कही नहीं किया एबीवीपी का जिक्र
गैंगरेप के घटनाक्रम में डीसीपी ईस्ट द्वारा आरोपियों के एबीवीपी के प्रत्यक्ष के पक्ष में प्रचार करने के बयान को लेकर भारी हंगामा हुआ था। लेकिन पुलिस ने अपनी और से पेश किए गए चालान में कहीं पर भी एबीवीपी का जिक्र नहीं किया। आरोपियों के बयान में बताया है की वे एबीवीपी के अपेक्षित प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए आए थे। हालांकि यह बयान कोर्ट स्वीकार्य नहीं होंगे। कोर्ट में जो बयान देंगे वही काम आयेंगे।