संत निपुण चंद्र सागर
जोधपुर। नागोरिगेट स्थित मुहता जी मंदिर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए संत निपुण चंद्र सागर ने कहा कि अपने समकित को निर्मल एवं दृढ़ बनाने हेतु निरंतर धर्म क्रियाओं से जुड़े रहना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पतन के बाद भी यदि उत्थान का कोई मार्ग है तो वह समकित ही है। संत प्रवर ने कहा हमारी आराधना एवं साधना में बल होना चाहिए। वे जितनी बढ़ेगी उतनी ही हमारी श्रद्धा बढ़ेगी। उन्होंने जिन धर्म के मुख्य तत्व ज्ञान, दर्शन एवं चारित्र की समीक्षा करते हुए इन्हें निर्मल बनाने का संदेश दिया। ट्रस्ट के प्रवक्ता दिलीप जैन एवं अध्यक्ष संजय मेहता ने बताया कि आगामी रविवार को उपकरण वंदावली का संगीतमय वातावरण में आयोजन किया जाएगा। धर्म सभा में ट्रस्ट उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मुहता, ललित पोरवाल, नितिन मेहता सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।