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Friday, December 27, 2024

बच्चों का सर्वांगीण विकास पंच कोशात्मक से ही सम्भव – आरोड़ा ।।

( जोधपुर विभाग आचार्य सम्मेलन ओसियां में सम्पन )

जोधपुर । विद्या भारती द्वारा संचालित श्री सच्चियाय आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक ओसियां में विभाग स्तरीय दो दिवसीय आचार्य सम्मेलन समारोह के साथ सम्पन हुआ। जिला प्रचार प्रमुख अजय कुमार व रोशन मेघवाल ने बताया कि बौद्धिक सत्र में राजस्थान क्षेत्र की बालिका शिक्षा प्रमुख प्रमिता अरोड़ा बालिका ,जिला सचिव संग्राम,महानगर सचिव मिश्रीलाल ने मां सरस्वती चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम प्रारंभ किया। अरोड़ा ने कहा कि बच्चों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास तभी होगा। जब हम शैक्षणिक व्यवस्था मे पंच कोशात्मक विकास होगा । जिसके मुताबिक, मानव अस्तित्व पांच हिस्सों में बंटा है ।जिसे पंचकोश कहते हैं। इनके जरिए चेतन, अवचेतन व अचेतन मन की अनुभूति होती है। सभी एक-दूसरे से संबंधित हैं और ये एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।अन्नमय कोश,प्राणमय कोश, विज्ञानमय कोश,मनोमय कोश, आनन्द मय कोश पर विस्तार से बताया कि अन्नमय कोश में शारीरिक विकास, फिटनेस, लचीलापन, ताकत और स्वस्थ्य जीवन को ध्यान में रखकर शरीर व आदतों को बनाना शामिल है।प्राणमय कोश जीवन ऊर्जा विकास से संंबंधित है। प्रमुख प्रणालियों जैसे पाचन, श्वसन और तंत्रिका तंत्र का सुचारू कामकाज इसमें शामिल है।मनमय कोश में मानसिक व भावनात्मक विकास से संबंधित है। नकारात्मक भावनाओं को संभालना, गुण विकास, प्रदर्शन कला, संस्कृति और साहित्य के प्रति झुकाव इसमें शामिल है।
विज्ञानमय कोश ये बौद्धिक विकास से संबंधित है। चेतना, तर्क, भाषाई कौशल, कल्पना, रचनात्मकता शामिल है।
आनंदमय कोश आध्यात्मिक या चैतसिक विकास से जुड़ा है। प्रेम, करुणा, सौंदर्य बोध, खुद को जानना शामिल है। इस दौरान जिला शिशु वाटिका प्रमुख बुधाराम,संकुल प्रमुख बिरमाराम, राजेन्द्र पालीवाल तथा जोधपुर विभाग के आदर्श विद्या मंदिरों के प्रधानाचार्य प्रशिक्षक के रूप शिक्षा नीति 2020 के अनुसार प्रशिक्षण दे रहे हैं।

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