जोधपुर, 9 अगस्त 2023/ जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के आदिवासी अध्ययन केंद्र में बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों ने आदिवासी नायक बिरसा मुंडा और आदिवासी शहादत का प्रतीक मानगढ़ पर पुष्पांजलि से की। तत्पश्चात केंद्र के निदेशक डॉ. कुलदीप सिंह मीना ने सभी का स्वागत करते हुए आदिवासी समाज की दशा पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आदिवासी चिंतक डॉ. श्रवण कुमार मीना ने आदिवासी दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आदिवासी प्रकृति पूजक हैं। वो सदा ही प्रकृति का संरक्षण करते रहे हैं। लेकिन आज विकास के नाम पर उनके बीच ऐसे तथाकथित लोग प्रवेश कर गए हैं जिन्होंने प्रकृति को छिन्न भिन्न कर दिया है। जिसका परिणाम हम सब भुगत रहे हैं। दूसरी और देश का मूलनिवासी आज अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि आदिवासी के इस संघर्ष मे सब मिल कर उनका साथ दें। साथ ही डॉ. मीना ने आदिवासी की संस्कृति ,कला, धर्म, रीति रिवाजों पर आये संकट की और संकेत किया।आज तमाम चुनौतियों में हमें आदिवासियों के हितों का संरक्षण करना होगा। इस अवसर पर प्रो. किशोरी लाल रैगर ने बोलते हुए कहा की अब वक्त आ गया है कि प्रबुद्ध वर्ग को बाहर निकल कर आदिवासी समाज को शिक्षा और रोजगार के साधन उपलब्ध कराने होंगे। प्रो. आर. सी. मीना ने कहा की पश्चिम राजस्थान के आदिवासी समाज में आज भी बहुत पिछड़ापन है। हम सबकी जिम्मेदारी है उनके बीच जाकर उनकी समस्याओं पर विचार करें। इसके साथ शोधार्थियों ने आदिवासी कविता के माध्यम से अपनी बात रखी। अंत में डॉ. अर्जुन लाल मीना ने अपनी बात रखते हुए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रो.मंगला राम, प्रो. याद राम, प्रो. संतोष मेहर, डॉ. अमित कुमार, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. दिनेश राठी, डॉ. देवकरण, डॉ. फत्ताराम, डॉ. विजयश्री, डॉ. प्रवीण चंद, डॉ. ललित कुमार, श्री छोटे लाल, श्री हीरा लाल मीना , डॉ. अनामिका पूनिया, डॉ. अश्विनी आर्य एवम शोधार्थी, विधार्थी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रश्मि मीना ने किया।