जोधपुर। किसी भी आराधना को करने से पहले उसकी सही विधि की जानकारी सहित उसे करने का तरीका आना आवश्यक है। इसके लिए तत्वों, तथ्यों एवं सूत्रों को समझना अनिवार्य है। उक्त कथन संत निपुण चंद्र सागर ने मुहता जी मंदिर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहे। उन्होंने कहा कि ज्ञान के साथ विवेक पूर्ण ढंग से की जाने वाली धार्मिक गतिविधियां ही मंगलकारी होती है। जिस प्रकार बिना टिकट के मुसाफिरी नही होती। ठीक उसी प्रकार से जानकारी के अभाव में की गई आराधनाओं का कोई महत्व नहीं रह जाता। ट्रस्ट के प्रवक्ता दिलीप जैन एवं उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मुहता ने बताया कि प्रवचन दौरान छोटे छोटे बच्चे आराध्य जैन, वीर सालेचा, रिदम जैन एवं कल्प सालेचा ने संत प्रवर से सामायिक करने का संकल्प लिया। जिसकी अनुमोदना उपस्थित श्रद्धालुओं ने भी की।