मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सिरोही डॉ राजेश कुमार व अन्य के विरुद्ध एसीबी में शिकायत पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने परिवाद दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार पिण्डवाड़ा निवासी रणजीतसिंह बालिया ने एसीबी के मुखिया डीजी को लिखित शिकायत भेजकर टेंडर प्रकिया में अनिमितता व गम्भीर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। दरअसल एसीबी मुख्यालय ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के अतिरिक्त मुख्य सचिव से पूरे प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। उक्त रिपोर्ट आने के बाद एसीबी पूरे प्रकरण पर अग्रिम काईवाई अमल में लायेगी। दूसरी तरफ एसीबी में परिवाद दर्ज होने के बाद मानो महकमें में हड़कंप बच गया है। ओर ज़िले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
एसीबी ने दिखाई तत्परता तो बढ़ सकती है जिम्मदारों की मुश्किलें –
जिस प्रकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस कि नीति पर एसीबी प्रदेश भर में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहीं हैं। यदि इस मसले पर गम्भीरता दिखाई तो सिरोही के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर राजेश कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती है। जैसे ही एसीबी के पास परिवाद पहुँचा। एसीबी ने त्वरित प्रसंज्ञान लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के अतिरिक्त मुख्य सचिव से पूरे मसले पर तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है। अब चिकित्सा विभाग को निष्पक्ष जाँच करके एसीबी को रिपोर्ट सुपुर्द करनी है। ताकि अग्रिम कार्रवाई एसीबी द्वारा अमल में लाई जा सके।
निष्पक्ष जांच करके दोषियों पर कठोर काईवाई की दरकार –
एसीबी को भी पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करके दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करनी होगी। ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके और गलत कृत्य करने वालो को उसकी सजा भी मिल सके। साथ ही आमजन में भी ब्यूरों के प्रति विश्वास बना रहें। इसलिए बेहद आवश्यक है कि जो भी व्यक्ति आरोपों में दोषी साबित होता है। उसके विरुद्ध एसीबी द्वारा प्रभावी कार्यवाही की जायेगी तो कुछ हद तक भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकता है।
परिवाद में यह लगाया आरोप
एसीबी को भेजी लिखित शिकायत में परिवादी रणजीत सिंह ने टेंडर प्रकिया में गम्भीर अनिमितता व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। शिकायत कर्ता ने बताया कि गाड़ियों के व दवाइयों के टेंडरों में भारी भरकम भ्रष्टाचार किया गया है। दरअसल यह आरोप परिवादी के है जिन्होंने एसीबी को शिकायत भेजी है। अब संबंधित विभाग कब जांच करके करके पूरे मसले की तथ्यात्मक रिपोर्ट एसीबी को भेजी जाती है उस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। ताकि अग्रिम अनुसंधान आगे बढ़ सके।