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Tuesday, December 24, 2024

गहलोत पन्द्रह साल मुख्यमंत्री रहे तब विजन क्यों याद नहीं आया: शेखावत

जोधपुर। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विजन 2030 को लेकर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि गहलोत तीन बार करीब पन्द्रह साल तक मुख्यमंत्री रहे, तब उन्हें विजन याद नहीं आया। अब जब उनकी सरकार जाने वाली है, तब वे जनता को बरगलाने के लिए इस प्रकार का विजन तैयार कर रहे हैं लेकिन जनता सब समझती है। इस बार जनता में कांग्रेस सरकार के खिलाफ नाराजगी ही नहीं, बल्कि व्यापक जनक्रोश है, जिसका जवाब वह आगामी चुनाव में देगी। शेखावत शुक्रवार को परिवर्तन यात्रा के तहत बालोतरा में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी कुर्सी बचाने में लगे रहे। अब अंतिम चरण में योजनाओं की घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन जनता सब समझती है। वह इस बार झांसे में नहीं आएगी। वर्ष 2013 में भी उन्होंने अंतिम चरण में खूब योजनाएं बनाई, लेकिन अपना खूब प्रचार किया। जनता ने उन्हें 21 सीटों पर समेट कर रख दिया। इस बार भी ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ उपजी नाराजगी को देखते हुए भाजपा ने पहले जनाक्रोश यात्रा निकाली और अब परिवर्तन यात्राएं निकाली जा रही है। इन यात्राओं में जनता की स्वत:स्फूर्त सहभागिता और उत्साह देखकर आसानी से कहा जा सकता है कि जनता इस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पूरी तरह तैयार है।सरकार की प्राथमिकता कुर्सी बचानाराज्य में कानून व्यवस्था की चर्चा करते हुए शेखावत ने कहा कि पूरे कार्यकाल में सरकार की प्राथमिकता कुर्सी बचाने की रही। इसके चलते कानून व्यवस्था चौपट हो गई। राजस्थान देश की रेप कैपिटल बन गया। राजस्थान में मात्र आठ करोड़ लोग हैं, जो भारत की आबादी का साढे पांच छह प्रतिशत है, लेकिन देश में बलात्कार की घटनाओं में कुल बाईस प्रतिशत केस राजस्थान में पंजीकृत हुए थे, जबकि पहले राजस्थान की ऐसी संस्कृति नहीं थी। सरकार की अकर्मण्यता के चलते राजस्थान को इस स्थिति का सामना करना पड़ा। शेखावत ने कहा कि इस सरकार पर भ्रष्टाचार का कलंक है। पेपर लीक के चलते राजस्थान के युवाओं का भविष्य बदहाल है। किसानों के साथ धोखा हुआ। समय पर बिजली नहीं मिल रही। किसानों को छह घंटे निर्बाध बिजली देने का वादा और दावा करने वाली सरकार एक बिजली भी बिजली नहीं दे पा रही। किसानों की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई। सरकार ने बाजरे की खरीद नहीं की। इस कारण किसानों को नुकसान हुआ।तीज त्योहारों पर प्रतिबंध लगाएशेखावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार भारतीय संस्कृति के मानबिंदुओं की रक्षा नहीं कर पाई। हमारे तीज त्योहारों पर प्रतिबंध लगाए। समाज विशेष के त्योहारों पर चाक चौबंद व्यवस्था की। यहां तक कि पूरे देश में प्रतिबंधित पीएफआई जैसे संगठन को पूरी सुरक्षा में जुलूस निकालने का अवसर दिया गया। मंदिर तोड़े गए। मूर्तियों को क्षत विक्षत किया गया। भगवान की झांकियों और शोभा यात्राओं पर पथराव किया गया। शेखावत ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पुत्र और वहां के एक मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म के खिलाफ विषवमन किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक पी. चिदंबरम के पुत्र ने भी ऐसा स्टेटमेंट दिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पहले सनातन के खिलाफ कुछ कहा था। इनके पुत्र ने भी उदयनिधि के स्टेटमेंट को समर्थित किया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ए. राजा ने भी कहा। ये सब कांग्रेस और घमंडिया गठबंधन की मानसिकता का द्योतक है। कांग्रेस का क्या स्टैंड है? यह उसे स्पष्ट करना चाहिए। पत्रकार वार्ता में केन्द्रीय कृषि मंत्री कैलाश चौधरी, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, बालोतरा जि़ला अध्यक्ष बाबू सिंह राजगुरु, प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह शेखावत, सहित अनेक भाजपा नेता मौजूद रहे।

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