त्याग तपस्या के साथ मिच्छामि दुक्कड़म कहकर मनाया संवत्सरी महा पर्व जोधपुर। मुहता जी मंदिर में संत निपुण चंद्र सागर, मुनिराज अर्हम चंद्र सागर एवं साध्वी हेमेंद्र श्री के सानिध्य में संवत्सरी महापर्व त्याग, तपस्या के साथ विभिन्न धर्म आराधनाओं में रत रहते हुए श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। ट्रस्ट के प्रवक्ता दिलीप जैन एवं सचिव पवन मेहता ने बताया कि इस अवसर पर नरेंद्र एवं पुष्पा लुकड़ द्वारा संत निपुण चंद्र को बारसा सूत्र वहराया गया। जिसमें समाहित 1250 गाथाओं का गुरुवर ने अपने मुखारविंद से वाचन करते हुए सभी को श्रवण करवाया। श्रद्धालु संपूर्ण दिवस धर्म आराधनाओं में रत रहे। सामूहिक पौषध करते हुए सांयकालीन प्रतिक्रमण किया गया। जिसमें 84 लाख जीव योनि से क्षमा मांगते हुए आपस में हुए जाने अनजाने अपराधों, पापों, एवं भूलों का प्रायश्चित करते हुए एक दूसरे से क्षमा याचना की। ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय मेहता एवं उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मुहता ने बताया कि बुधवार को संत निपुण चंद्र सागर के जन्मोत्सव को कृतज्ञता दिवस के रूप में मनाते हुए धार्मिक गतिविधियों के साथ जीव दया करते हुए मनाया जायेगा। इसी दिन प्रातः पुष्पा, पवन एवं रीटा मेहता द्वारा तपस्वियों के तप की अनुमोदना में सामूहिक पारणे के कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा।