जोधपुर। नवपद ओलीजी की आराधना के प्रथम दिन साध्वी अरुण प्रभा के मंगल सान्निध्य में राजेन्द्र भवन खेरादियो का बास में प्रभु पाश्र्वनाथ के 108 रूपों का महापूजन भक्तिपूर्वक किया गया।प्रभु पाश्र्वनाथ के विभिन्न रूपों मे भारत वर्ष के विभिन्न भागों में 108 प्रतिमाएं विराजित हैं, उन 108 प्रतिमाओं को प्रतिरूप में रख कर 108 श्रीफल, पान, नैवेद्य, पुष्पों से पूजा की। पाश्र्वनाथ संघ में दस गणधर, एक हजार कैवल्य ज्ञानी, सात सौ पचास मन पर्याय ज्ञानी, चौदह सौ अवधिज्ञानी, सोलह हजार साधु, अड़तीस हजार साध्वियां, एक लाख चौंसठ हजार श्रावक (गृहस्थ जैन धमर्णोपासक) और तीन लाख सत्ताइस हजार श्राविकाएं थी। सत्तर वर्ष तक तीर्थंकर पर्याय का पालन करते हुए श्रावण शुक्ल 8 को सम्मेद शिखर पर्वत पर इन्होंने निर्वाण प्राप्त किया। उनकी सम्पूर्ण आयु एक सौ वर्ष थी। 70 वर्ष तक उन्होंने जैन धर्म को सींचा, संवारा एवं संवर्धित किया। इस अवसर पर प्रभु आ जाओ इक बार, नाम हैं आपका तारणहारा, पारस प्यारा लाग्यो चवलेश्वर भजनों की प्रस्तुति की। पूजा के लाभार्थी कमला देवी-हस्तीमल परिवार थे।