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Wednesday, December 25, 2024

पूर्व विधायक कैलाश भंसाली का निधन, भाजपा में छाई शोक की लहर

भाजपा प्रत्याशी अतुल भंसाली ने चुनाव प्रचार स्थगित किया
जोधपुर। शहर विधानसभा सीट से दो बार भाजपा से विधायक रहे कैलाश भंसाली का 82 वर्ष की उम्र में गुरुवार तडक़े एमडीएम अस्पताल में निधन हो गया। काका के नाम से पहचान बनाने वाले भंसाली के निधन की खबर के बाद भाजपा में शोक की लहर छा गई। उनके परिवार में दो पुत्र एवं एक पुत्री हैं।
पूर्व विधायक भंसाली करीब दो-तीन महीने से लंग्स की बीमारी से पीडि़त थे। एम्स जोधपुर में उनका कुछ दिन इलाज चला था, फिर शास्त्रीनगर आवास पर ही आईसीयू का निर्माण कर उनका इलाज किया जा रहा था। बुधवार रात उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई तो उन्हें मथुरादास माथुर (एमडीएम) हॉस्पिटल ले जाया गया था। जहां उन्हें वैंटिलेटर पर लिया गया। गुरुवार तडक़े उनका निधन हो गया। वरिष्ठ नेता कैलाश भंसाली के निधन की सूचना पाने के बाद भाजपा कार्यकर्ता भंसाली के शास्त्रीनगर स्थित आवास पर पहुंचे। उनकी अंतिम यात्रा आज शाम शास्त्रीनगर स्थित आवास से सिवांची गेट स्वर्गाश्रम के लिए रवाना हुई जिसमें बड़ी संख्या में भाजपा के नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए।
पूर्व विधायक कैलाश भंसाली के भतीजे अतुल भंसाली शहर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे है। चाचा के निधन पर आज उनका चुनाव प्रचार स्थगित कर दिया गया। बता दे कि बीमारी के चलते कैलाश भंसाली ने अपनी सीट 2018 में अपने भतीजे अतुल भंसाली को दी थी। हालांकि अतुल भंसाली मनीषा पंवार के सामने चुनाव हार गए थे। इस बार भी अतुल भंसाली जोधपुर शहर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। उनका मुकाबला वापस कांग्रेस विधायक व प्रत्याशी मनीषा पंवार से है। अतुल भंसाली ने अपने नामांकन के दिन 4 नवंबर को चाचा कैलाश भंसाली के आवास पर पहुंचकर आशीर्वाद लेकर नामांकन भरा था। इस दौरान केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी कैलाश भंसाली का हाल-चाल जानने पहुंचे थे।
भंसाली का राजनीतिक सफर
कैलाश भंसाली ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत कॉलेज से की थी। 1958 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य बने। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य रहे। 1961 में एसएमके कॉलेज जोधपुर के छात्र संघ के सचिव बने। वर्ष 1964 में वे जोधपुर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के महासचिव बने। 1977-78 तक वे जनता पार्टी जोधपुर के जिला सचिव रहे। 2005 में वे राजस्थान भाजपा की राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष बने। वह 1960 से जोधपुर के सभी सार्वजनिक चुनावों में शामिल रहे। 2008 के राजस्थान राज्य विधानसभा चुनाव में पहली बार सक्रिय राजनीति से जुड़ कर उन्होंने शहर विधानसभा से भाजपा का प्रत्याशी बन चुनाव लड़ा और कांग्रेस के जुगल काबरा को 8500 से अधिक मतों से हराया। वर्ष 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में फिर उन्हें शहर विधानसभा से भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया और उन्होंने कांग्रेस के सुपारस भंडारी को 14500 से अधिक मतों से हराया। लगातार दस वर्षों तक वे सक्रिय राजनीति से जुड़े रहे। पेशेवर तौर पर कैलाश भंसाली आईसीएआई के जोधपुर चैप्टर के सक्रिय सदस्य रहे हैं। वे कई वर्षों तक जोधपुर चैप्टर के अध्यक्ष रहे। उन्होंने मारवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, टैक्स बार एसोसिएशन, जोधपुर में वरिष्ठ पदों पर भी कार्य किया। राजस्थान कर सलाहकार संगठन, राजस्थान लेखाकार संघ, फिक्की की कराधान समिति में रहे। वह यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के नामांकित व्यक्ति के रूप में विभिन्न कंपनियों में निदेशक भी रहे। उन्होंने जोधपुर शहर में वकालत की प्रैक्टिस भी की थी। राजस्थान में प्राकृतिक आपदा के दौरान उनके योगदान के लिए भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने 1992 में कैलाश भंसाली को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।

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