जोधपुर। वर्ष 1990 की कार्तिक पूर्णिमा को अयोध्या में चल रहे राम मंदिर आंदोलन में गए राम भक्त कारसेवकों पर तत्कालीन सरकार द्वारा गोलीबारी के आदेश के बाद हजारों भक्तों ने जीवन का बलिदान देकर अपने आप को समर्पित किया। शहर के प्रोफेसर डॉ. महेन्द्रनाथ अरोड़ा ने भी अपना बलिदान देकर आंदोलन को गति दी थी।
विश्व हिंदू परिषद महानगर द्वारा बलिदानी अरोड़ा की गौरवपथ पर लगी प्रतिमा पर सोमवार सुबह संत समिति के राष्ट्रीय सचिव जगतगुरु वेदही वल्लभ देवाचार्य महाराज, महंत परशुराम गिरी महाराज के सान्निध्य व प्रान्त अध्यक्ष डॉ. राम गोयल के नेतृत्व में पुष्पांजलि अर्पित की गई। विहिप मंत्री तरुण सोतवाल ने बताया कि इस अवसर पर विहिप राजस्थान क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने कहा कि राम अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण ऐसे राम भक्तों के बलिदान से ही सम्भव हो पाया है। देश के हजारो युवाओं ने अपने जीवन को समर्पित किया, इससे ही मंदिर निर्माण का काज सुगम हुआ। यह मंदिर नही आज राष्ट्र मंदिर बन रहा है जो आने वाले दिनों में राष्ट्र के विश्व गुरु बनाने के साथ राष्ट्र के नवनिर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।
पुष्पांजलि कार्यक्रम में अरोड़ा के परिजन वीरा व नरेंद्र अरोड़ा के साथ विहिप के प्रान्त उपाध्यक्ष मानाराम विश्नोई, पंकज भंडारी, महेन्द्र राजपुरोहित, विक्रम परिहार, महेश गौड़, शुभम प्रजापत, धनराज प्रजापत आदि पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।