जोधपुर। नवोदय सबरंग साहित्य परिषद के अध्यक्ष एनके मेहता के नौवे दशक की वर्षगांठ के अवसर पर उनके निवास पर संस्था की काव्य गोष्ठी संपन्न हुई।इस अवसर पर मेहता ने नासिर आज़मी की गज़़ल तिरे आने का धोखा-सा हुआ है से गोष्ठी का आगाज़ किया। उन्होंने कई दिलचस्प संस्मरण एवं बेहतरीन नगमे सुनाए। उन्होंने कहा कि प्रेम ही हमारे परिवार की पूंजी है। अशफाक अहमद फ़ौजदार ने गज़़ल गऱ मैं सौदा करता अपने ज़मीर का पेशकर महफि़ल को ऊंचाई बख्शी। जाने-माने शायर अर्जुन सांखला ने संगीत की स्वर- लहरियों के बीच गज़़ल रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए सुनाकर महफि़ल में चार चांद लगा दिए। राजेंद्र खींवसरा ने पुरकशिश आवाज में गीतजलते हैं जिसके लिए सुनाया। श्याम गुप्ता शान्त ने मेहता के जन्मदिन पर कविता का गुलदस्ता रंग-बिरंगे फूलों की अनुपम छटा बिखेरे भेंट किया। हंसराज बारासा ने भी अपनी सद्भावना कविता फिर से आए जन्मदिन आपका के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। राजेंद्र शाह ने व्यंग्य कविता है नृत्य कर रही निर्धनता पेश की। एनके कोठारी ने मैंने चांद और सितारों की तमन्ना की थी सुनाकर वाहवाही बटोरी।शायर रज़ा मोह. खान ने गज़़ल पास आइए और देखिए कऱीब से सुनाकर महफि़ल को रंगों से सराबोर कर दिया। डॉ. एमके जैन ने जगमोहन का अमर गीत दिल को है तुमसे प्यार क्यूं सुनाकर दिल को छू लिया। वीडी दवे ने मनोरंजक हास्य रचना जय जय मच्छर भगवान सुनाकर जमकर ठहाके लगवाये। राजेश मोहता ने अपने चिर-परिचित तीखे अंदाज में कविता मैं सभ्यता की भूल हूं परोसी। सुरीले गायक नंद किशोर भाटी ने जीवन से भरी तेरी अंखियां मनमोहक आवाज में पेशकर सबके दिल के तारों को झनझना दिया। डॉ. तृप्ति काव्यांशी ने छंदमय गीत होठों पे हंसी का नित निवास हो पेशकर समां बांध दिया। एनके मेहता की अध्यक्षता व अनुराधा अडवाणी के आतिथ्य एवं धन्यवाद प्रेषण के पश्चात् कार्यक्रम तीन घंटे में अपनी मंजिल पर पहुंचा।