जोधपुर। रेल मंत्रालय द्वारा भारत सरकार के वोकल फॉर लोकल विजन को बढ़ावा देने और स्थानीय उत्पादकों के लिए आय के अतिरिक्त अवसर उपलब्ध कराने के महत्ती उद्देश्य से प्रारंभ की गई एक स्टेशन एक उत्पाद योजना लघु उद्यमियों को रास आने लगी है। योजना से अकेले जोधपुर मंडल में आशार्थियों को 76 लाख रुपए की आय हो चुकी है।
डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने बताया कि योजना के तहत रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय व लघु उत्पादकों को स्वदेशी व स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने,बेचने और उच्च दृश्यता देने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए कियोस्क आवंटित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कि जोधपुर मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर स्थापित की गई ओएसओपी आउटलेट्स से स्थानीय कारीगरों और उत्पादों को रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म पर एक बड़ा बाजार मिल रहा है जिससे वह आय के अतिरिक्त स्रोत से लाभांवित हो रहे हैं। सीनियर डीसीएम विकास खेड़ा ने बताया कि योजना के अंतर्गत उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल पर 15 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर 16 ओएसओपी आउटलेट्स स्थापित किए गए हैं जिनसे यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर वहां के स्थानीय उत्पाद उपलब्ध हो जाते हैं और लघु उद्यमियों को अपने सामान की बिक्री का एक अच्छा प्लेटफॉर्म। उन्होंने बताया कि यह कियोस्क आवेदकों को नाम मात्र के पंजीयन शुल्क पर निर्धारित अवधि के लिए आवंटित किए जा रहे हैं। खेड़ा ने बताया कि मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर स्थापित कियोस्क पर विभिन्न आशार्थियों द्वारा अब तक 76 लाख, 14 हजार 646 रुपए का उल्लेखनीय स्थानीय उत्पाद का सामान बेचा गया है जिससे उन्हें आर्थिक संबल और राहत मिली है।
सर्वाधिक बिक्री जोधपुर व पाली स्टेशनों पर
ओएसओपी आउटलेट्स से इनके प्रारंभ होने के बाद से अब तक स्थानीय उत्पादों की सर्वाधिक बिक्री पाली रेलवे स्टेशन पर हुई जहां करीब 33 लाख रुपए का सामान बिका। इसी प्रकार जोधपुर स्टेशन पर 15 लाख 22 हजार, मकराना पर 4 लाख 12 हजार, जालोर पर 4 लाख, नागौर पर करीब ढाई लाख व जैसलमेर स्टेशन पर 2 लाख 33 हजार रुपए के स्थानीय उत्पादों की बिक्री हुई। एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत स्थापित कियोस्क का आवेदकों को बारी-बारी आवंटित किया जा रहा है जहां से जुट क्राफ्ट, चमड़ा उत्पाद, गुलाब हलवा, जूती, हैंडीक्राफ्ट, फ़ूड प्रॉडक्ट, मूंग बड़ी, पापड़, भुजिया, सूखी सब्जियां, मार्बल व पीला पत्थर व सजावटी सामान की बिक्री हो रही है।