जोधपुर। सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती ने झारखंड के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को संयुक्त रूप से बाल विवाह उन्मूलन, निरस्त व पुनर्वास की कानूनी प्रक्रिया, काउंसलिंग और अधिकारियों के प्रभावी दायित्व निष्पादन की ट्रेनिंग दी। वहीं अधिकारियों को बाल संरक्षण कानूनों के बारे में भी जानकारी दी।
झारखंड राज्य के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च लॉ (एनएलयू) रांची के सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स, यूनिसेफ झारखंड और झारखंड स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी की संयुक्त मेजबानी में बाल विवाह रोकथाम, लैंगिक हिंसा, बाल केंद्रित जोखिम की प्रभावी रोकथाम, मेंटल हेल्थ और साइकोसोशल सपोर्ट केंद्रित ट्रेनिंग का आयोजन किया गया जिसमें झारखंड राज्य के महिला बाल विकास विभाग, यूनिसेफ, सीसीएस, जेएसपीएलएस, स्कीपा, सीआईपी, रिनपास, उच्च व स्कूल शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रशिक्षक अधिकारियों को रेजिडेंशियल ट्रेनिंग दी गई। इस स्पेशल ट्रेनिंग में बतौर स्पेशल ट्रेनर देश में पहला बाल विवाह निरस्त करवाने वाली चाइल्ड एंड वूमन राइट्स एक्टिविस्ट व एडवोकेट डॉ. कृति भारती को शामिल किया गया। डॉ. कृति भारती ने उच्चाधिकारियों को बाल विवाह उन्मूलन, बाल विवाह निरस्त और पुनर्वास के लिए प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए ट्रेनिंग दी जिसमें बाल विवाह रोकथाम के लिए अधिकारियों के दायित्व, ओरिएंटेशन व जन जागरूकता, ग्राउंड फोर्स डेवलप करने, बाल विवाह के ऑन स्पॉट एक्शन प्रोसेस,फील्ड में आने वाली चुनौतियों से सामना करने के समाधान, पॉक्सो, जेजे एक्ट और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, पीडि़तों की काउंसलिंग और पुनर्वास प्रयास आदि की भी जानकारी दी। वहीं बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के लिए बाल विवाह निरस्त की कानूनी प्रक्रिया से भी अवगत करवाया। इस मौके पर झारखंड राज्य की स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी के उप सचिव विकास कुमार, एसआईआरडी रांची के जेएसए व्याख्याता ठाकुर गौरी शंकर शर्मा, स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के जेएसए ऑफिसर इंचार्ज जितेंद्र सिंह, यूनिसेफ सीपीएस प्रीति श्रीवास्तव, यूनिसेफ झारखंड अधीन एनएलयू चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर गौरव यादव, देबर्षी व अन्य ने डॉ. कृति भारती का अभिनंदन किया। वहीं डॉ. कृति भारती के बाल विवाह निरस्त व रोकथाम की साहसिक मुहिम की सराहना की।