जोधपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली तथा राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सेशन न्यायाधीश के निर्देशन में इस साल की चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जोधपुर महानगर न्याय क्षेत्र में किया गया। लोक अदालतों में ना किसी की जीत-ना किसी की हार सार पर आपसी समझाइश से कई प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर महानगर के सचिव सुरेन्द्र सिंह सांदू ने बताया कि जोधपुर महानगर न्यायक्षेत्र में शनिवार को आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत में चार दिसंबर तक न्यायालयों में राजीनामा योग्य लम्बित लगभग 28902 प्रकरणों तथा प्रि-लिटिगेशन में धन वसूली के 18322 तथा अन्य विभागों से संबंधित प्रिलिटिगेशन के 300692 प्रकरणों को चिन्हित किया गया। चिन्हित प्रकरणों में राष्ट्रीय लोक अदालत की भावना से निस्तारण के लिए कुल आठ बैंचो का गठन किया गया जिनमें 6 बैंच न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के लिए गठित की गई वहीं राजस्व न्यायालयों से सम्बन्धित प्रकरणों के निस्तारण के लिए एक बैंच का गठन किया गया। इसमें जिसमें सेवानिवृत जिला न्यायाधीश सिद्धेश्वर पुरी ने अध्यक्ष एवं एडीएम संख्या 1 जयनारायण मीणा ने सदस्य के रूप में प्रकरणों का निस्तारण किया। स्थायी लोक अदालत, जिला उपभोक्ता मंच प्रथम व द्वितीय तथा प्रि-लिटिगेशन प्रकरणों की सुनवाई के लिए 1 प्रि-लिटिगेशन बैंच का गठन किया गया था जिसमें प्राधिकरण के सचिव सुरेन्द्रसिंह सांदू ने अध्यक्षता की। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर महानगर बैंच संख्या 7 में आयोजित लोक अदालत में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम के कुल 17 प्रकरण रखे गए जिसमें से 14 परिवादों का निस्तारण हुआ और कुल 2128215 रुपयों का उपभोक्ताओं को अवॉर्ड राशि प्रदान कराई गई। वहीं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वित्तीय के कुल 20 प्रकरण लोक अदालत में रखे गए जिसमें से दो प्रकरणों का निस्तारण हुआ एवं उपभोक्ताओं को 188387 रुपए की अवार्ड राशि दिलाई गई। इस लोक अदालत में जेडीए, इंश्योरेंस,बैंक, बिजली, प्रॉपर्टी, फाइनेंस और अन्य निजी कंपनियों के प्रकरण शामिल थे। जिला उपभोक्ता आयोग के रीडर रेशम बाला एवं अरमान खान के साथ सहायक कर्मचारी हीर सिंह और भंवर लाल मेघवाल ने उपिस्थति दी।