जोधपुप। मथुरादास माथुर अस्पताल की न्यूरो इंटरवेंशन लैब में इंडो वैस्कुलर तकनीक से होने वाले ऑपरेशन की श्रृंखला में इंटरनल केरॉटिड आर्टरी के कैवरनस सेगमेंट के स्यूडो एन्यूरिज्म का स्टैंट की कॉइलिंग से सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया।न्यूरोसर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शरद थानवी ने बताया कि 65 वर्षीय महिला तेज सिर दर्द एवं बाई आंख के पीछे दर्द की शिकायत के साथ न्यूरोसर्जरी विभाग में भर्ती हुई जिसकी जांच सीटी ब्रेन एवं सीटी एंजियोग्राफी में लेफ्ट केवर्नस साइनस में एन्यूरिज्म पाया गया। इसकी विस्तृत जांच न्यूरो इंटरवेंशन लैब में डीएसए किया गया जिसमें लेफ्ट इंटरनल कैरोटिड आर्टरी के कैवर्नस सेगमेंट में स्यूडो एंयूरिस्म की पुष्टि हुई जो धमनी की दीवार के कमजोर होने की वजह से होता है। यह एंयूरिस्म आकार में बड़ा (जायंट एन्यूरिज्म) एवं वाइड नेक पाया गया जिसके लिए स्टेन्ट असिस्टेड कॉइलिंग का ऑपरेशन करना तय किया गया। करीब चार घंटे चले ऑपरेशन में मरीज की पैर की धमनी फीमोरल आर्टरी से दिमाग की धमनी तक पहुंचकर पहले स्टेन्ट लगाया गया जिससे ब्लड के फ्लो को कंटिन्यू कर एन्यूरिज्म को कॉइलिंग से फिल किया गया। ऑपरेशन के पश्चात मरीज पूर्णता स्वस्थ है।ऑपरेशन करने वाली टीम में न्यूरो सर्जरी विभाग अध्यक्ष डॉ. शरद थानवी, एसएमएस जयपुर से आए डॉ. अनुराग चौधरी, सहायक आचार्य डॉ. हेमंत बेनीवाल एवं डॉ. हितेश बूलचंदानी, रेजिडेंट डॉ. लखमीचंद सिन्सिन्वार, डॉ. राहुल राय एवं डॉ. अमन राज सम्मिलित रहे। निश्चेतना विभाग की तरफ से विभाग अध्यक्ष डॉ. सरिता जनवेजा, वरिष्ठ आचार्य डॉ. शोभा उज्जवल एवं डॉ. गीता सिंगारिया एवं सहायक आचार्य डॉ. मनीष झा एवं रेजिडेंट डॉक्टर हर्षित सम्मिलित रहे। न्यूरो इंटरवेंशन लैब इंचार्ज रामप्रसाद, भरत, न्यूरो इंटरवेंशन टेक्नीशियन अरविंद एवं हनुमंत ने ऑपरेशन में योगदान दिया। एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया कि यह ऑपरेशन पूरी तरह निशुल्क रहा जिसका प्राइवेट में इलाज होने पर 12 से 14 लाख का खर्च होता। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर दिलीप कच्छवाहा ने ऑपरेटिंग टीम को बधाई देते हुए इस प्रकार के ऑपरेशन की निरंतरता पर जोर दिया।