जोधपुर। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा दन्ताला वैष्णो देवी मंदिर चौखा में भजन संध्या का आयोजन किया गया।भजन संध्या में साध्वी उषा भारती ने आध्यात्मिक तथ्यों पर व्याख्यान दिया। साथ ही संस्थान वालंटियर्स द्वारा सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी गई। साध्वी ने प्रवचनों में इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि एक ऐसी शाश्वत विधि है जिसके द्वारा भगवान का पूजन करने से हमारा संपूर्ण जीवन शांत व सुखद बन जाता है। भारत की पौराणिक आध्यात्मिक वैज्ञानिक विधि, ब्रह्मज्ञान ही ईश्वर के आह्वान की उपयुक्त तकनीक है। आज आधुनिक विज्ञान ने भी मानव मस्तिष्क पर ध्यान से होने वाले सकारात्मक प्रभावों को स्वीकार कर लिया है लेकिन ब्रह्मज्ञान के अभाव में ध्यान के सकारात्मक प्रभावों की सीमित सफलता देखने को मिलती है क्योंकि यह ज्ञान कोई साधारण नहीं, अपितु सर्वोत्तम ज्ञान विधि है। वेदों व ग्रंथों के कथनानुसार, स्वयं ईश्वर ने यह ज्ञान ऋषियों को प्रदान किया, तत्पश्चात ऋषियों ने इस ज्ञान परंपरा को संरक्षित रखाऔर आध्यात्मिक मार्ग को प्रशस्त करने वाले पूर्ण सतगुरु ही साधक को यह ज्ञान प्रदान करने के अधिकृत होते हैं। गुरु, ब्रह्मज्ञान की विधि द्वारा साधक के तृतीय नेत्र को जागृत करते हैं। तृतीय नेत्र के खुलते ही पीनियल ग्रंथि सक्रिय हो जाती है और उसके साथ ही मानव शरीर में निहित अचेतन आदि शक्ति भी चैतन्य हो जाती है। इस प्रकार एक साधक को परमात्मा से सतत संपर्क बनाए रखने का ज्ञान प्राप्त होता है। अत: ब्रह्मज्ञान द्वारा साधक अपने प्रत्येक श्वास से ईश्वर की पूजा कर पाता है। कार्यक्रम के अंत में साध्वी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को पूर्ण सतगुरु की खोज कर ब्रह्मज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।