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Saturday, April 19, 2025

ऑनलाइन खरीदारी में उपभोक्ता संरक्षण जरूरी: अलीउपभोक्ता संरक्षण पर संगोष्ठी का आयोजन

जोधपुर। राज्य उपभोक्ता आयोग के सदस्य व उमस के सचिव लियाकत अली ने कहा कि वर्तमान आधुनिक युग बाजारवाद एवं उपभोक्तावाद का युग है। उपभोक्ता वर्तमान में ऑनलाइन एवं डिजिटल तरीके से अपने आवश्यकता की खरीदारी करने में विश्वास करते है लेकिन ई-कॉमर्स और डिजिटल व्यापार में भी उपभोक्ता संरक्षण जरूरी है। यह बात उन्होंने राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित संगोष्ठी में कही।राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस सप्ताह के तहत उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा इस वर्ष की थीम ई कॉमर्स और डिजिटल व्यापार के युग मे उपभोक्ता संरक्षण रखी गई है। संगोष्ठी में विशेष वक्ता के रूप में राज्य उपभोक्ता के सदस्य लियाकत अली ने कहा कि  ई-कॉमर्स, ऑनलाइन से खरीदी गई वस्तुऐं सस्ती एवं गुणवत्ता वाली होगी यह बात हर समय लागू नहीं होती है। उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा ई कॉमर्स, ऑनलाइन खरीदारी करने वाले उपभोक्ताओं के हितो के संरक्षण के लिए नए उपभोक्ता कानून में प्रभावी प्रावधान किए है तथा इसे लागू भी किया गया है। नये प्रावधान के अन्तर्गत उपभोक्ता देश के किसी भी हिस्से से खरीदारी करे यदि उसे उस उत्पाद में किसी तरह की समस्या आती है तो वह स्वयं के रहने वाले जिले में ही विपक्षी के विरूद्ध परिवाद दायर कर सकता है। सरकार से इस कदम से ऑनलाइन व्यापार करने वाले व्यापारियो ने भी अपनी पॉलिसी में काफी परिवर्तन किये है जिससे उपभोक्ताओ के अधिकारों का संरक्षण हुआ है। उपभोक्ता ऑनलाइन विक्रेता के विरूद्ध भारत सरकार की उपभोक्ता हेल्प लाइन पर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।इस अवसर पर उमस के अध्यक्ष राजेश तिवाड़ी ने कहा कि उपभोक्ताओं को हमेशा भरोसेमंद ऑनलाइन साइट से ही उत्पादों की खरीदारी करनी चाहिये ताकि परेशानी होने पर शिकायत दर्ज करवाई जा सके। उपाध्यक्ष हेमंत शर्मा ने कहा कि उपभोक्ता ऑनलाइन साईट से सामान की खरीदारी करते है तो उन्हें डुप्लीकेट सामान भेज दिया जाता है तथा कई बार जो सामग्री साइट पर दिखाई जाती है वह नहीं भेजकर कोई और सामग्री भेज दी जाती है। गौरीशंकर आचार्य ने कहा कि ऑनलाइन सामग्री खरीदते समय अतिरिक्त सावधानी रखे जाने की आवश्यकता है उपभोक्ता को साइट की शर्तो, रिटर्न पालिसी शिकायत अधिकारी का पता, नंबर ई मेल आदि दर्शाया गया है कि नही जरूर देखना चाहिये। संगोष्ठी मे महेन्द्र माथुर, भवर लाल सियोल, भगवान पटेल, महेन्द्र गुर्जर, सुनील मेहता आदि ने भी अपने विचार रखे।

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