जोधपुर। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार की ओर से शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) जोधपुर में भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए चल रहा पांच दिवसीय पुनश्चर्या प्रशिक्षण (रिफ्रेशर कोर्स) संपन्न हो गया है।समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. हरप्रीत कौर एवं विशिष्ट अतिथि पीसीसीफ़ मेघालय हरीश चन्द्र चौधरी थे। आफरी निदेशक एमआर. बालोच एवं पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. तरुण कान्त ने अतिथियों का शॉल, साफा एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया। प्रशिक्षण के द्वितीय दिन विषय विशेषज्ञ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पीसी मोहराना ने भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस तकनीक) पर एवं सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. रंजना आर्या ने क्षारीय भूमि के पुनर्भरण एवं पर व्याख्यान दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तृतीय एवं चतुर्थ दिन शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को टिब्बा स्थिरीकरण क्षेत्र, सेतरावा, डेमों विलेज जैसलमेर, इंदिरा गांधी नहर क्षेत्र के पौधारोपण, मोहनगढ़ जैसलमेर का भ्रमण कर रेगिस्तान के पारिस्थिकी तंत्र के बारे में जानकारी हासिल की।प्रशिक्षण के अंतिम दिन डॉ. तरुण प्रजापत ने मरुस्थलीय औषधीय पौधे एवं स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली पर व्याख्यान दिया। समापन सत्र की मुख्य अतिथि डॉ. कौर ने अपने उद्बोधन में आफरी द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम को प्रशिक्षणार्थियों के लिए उपयोगी बताते हुए आफरी द्वारा अनुसन्धान हेतु विभिन्न स्तरों पर सहयोग हेतु आश्वस्त किया। सत्र के विशिष्ट अतिथि हरीश चन्द्र चौधरी ने न्यायतंत्र को वानिकी का सदैव सहयोगी बताते हुए सुचारू वानिकी कार्यों हेतु पर्याप्त वित्तीय आवंटन को आवश्यक बताया। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। समापन सत्र का संचालन अंजलि जोशी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. तरुण कान्त ने किया।