जोधपुर। सूरसागर स्थित श्री बड़ा रामद्वारा में आयोजित बरसी उत्सव सत्संग समारोह में चल रही संगीतमय भागवत कथा प्रसंग में व्यासपीठ से परमहंस डॉ. रामप्रसाद महाराज ने कहा कि संत, गुरु और भगवान में कभी भेद नहीं समझना चाहिए।संत डॉ. रामप्रसाद महाराज ने कहा कि भगवान के सिवा हमारा और दूसरा कोई नहीं है। भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और भगवान के मिलने का मार्ग बता देती है। व्यक्ति को हमेशा भक्ति मार्ग पर रहने सहजता से प्रेमाभक्ति प्राप्त हो जाती है। सन्त डॉ. रामप्रसाद महाराज ने गुरु महिमा बताते हुए कहा कि गुरु ही जीव को अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं। जीव गुरु के बताए मार्ग पर चलता है तो भवसागर से पार हो जाता है। संसार का आश्रय दुख और भगवान का आश्रय सदा सुख का अनुभव करता है। सन्त मदनदास व पुनाराम ने सुबह के सत्र में देवल आरती के बाद संगीतमय सुंदरकांड का पाठ किया।