जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग और अंबेडकर अध्ययन केन्द्र द्वारा हर शनिवार को चलाए जा रहे संविधान आपके द्वार के तहत एक कार्यशाला का आयोजन श्री कृष्णा स्वाध्याय केन्द्र गीता भवन में किया गया।केन्द्र के निदेशक डॉ. दिनेश गहलोत ने भारतीय संविधान के संदर्भ में विद्यार्थियों की भ्रांतियों को दूर करते हुए संविधान निर्माण में डॉ अंबेडकर के योगदान को स्पष्ट किया। डॉ गहलोत के अनुसार भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज है। उन्होंने प्रथम संविधान संशोधन से लेकर नूतन 106 वें संविधान संशोधन की कहानी बताई। उनके अनुसार संविधान में समयनुसार परिवर्तन होना इसकी खूबसूरती है। उनके अनुसार आधारभूत ढांचे के सिद्धांत के कारण शक्तियों के पृथकरण की अनुपालना संभव हुई है। उन्होंने शंकरीप्रसाद वाद, सज्जनसिंह वाद, गोलकनाथ वाद, केशवानंद भारती वाद की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने अभी हाल में संविधान पीठ द्वारा चुनाव आयोग के संदर्भ में दिए गए निर्णय तथा इस संदर्भ में संसद में पारित विधेयक पर भी चर्चा करते हुए लोकतंत्र में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर बल दिया। अंत में प्रस्तावना का पाठ करते हुए प्रधानाराम ने आभार व्यक्त किया।