जोधपुर। उत्तर पश्चिम रेलवे पर पर्यावरण अनूकुल रेल संचालन के लिए ब्रॉडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का कार्य तीव्र गति के साथ किया जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2023-24 में अब तक 806 किलोमीटर ब्राडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है।उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार महाप्रबन्धक अमिताभ के कुशल दिशा-निर्देशन में उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किए जा रहे है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 4772 रूट किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2023-24 में अब तक कुल 806 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण किया गया है, जिसमें डीडवाना-डेगाना (63 किलोमीटर), श्रीगंगानगर-गजसिंहपुर (68 किलोमीटर), पीपाड़ रोड-मेड़ता रोड (56 किलोमीटर), समदडी-जालोर (57 किलोमीटर), खारवाचांदा-जयसमंद रोड़ (38 किलोमीटर), बाडमेर-गडरा रोड (81 किलोमीटर), पीपाड रोड-राई का बाग (43 किलोमीटर), भीखमखोर-फलौदी (56 किलोमीटर), गडरा रोड-मुनाबाव (39 किलोमीटर) बीकानेर-लालगढ (9 किलोमीटर), लालगढ़-नोखडा (83 किलोमीटर), नोखडा-फलौदी (74 किलोमीटर), मेड़ता रोड़-मेड़ता सिटी (14 किलोमीटर), भीलडी-रानीवाड़ा (71 किलोमीटर) और जयसंमद-डूंगरपुर (53 किलोमीटर) रेलमार्गों का विद्युतीकरण के कार्य पूरा किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 4772 किलोमीटर रेलखण्ड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया है। जिसके फलस्वरूप उत्तर पश्चिम रेलवे पर 138 जोड़ी रेलसेवाएं विद्युत ट्रैक्शन पर संचालित की जा रही है।उत्तर पश्चिम रेलवे पर सभी रेलमार्गों के विद्युतीकरण होने से ट्रेनों की रफ़्तार बढ़ेगी जिससे यात्रा समय में बचत होगी साथ ही डीजल की जगह बिजली के प्रयोग से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा व राजस्व में भी बचत होगी।