जोधपुर। शहर में बुधवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस धूमधाम से मनाया। इस दौरान स्कूल-कॉलेजों सहित कई स्थानों पर कार्यक्रम हुए।महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार द्वारा मनाया जा रहा राष्ट्रीय बालिका दिवस सप्ताह आज संपन्न हुआ। इस सप्ताह के दौरान ग्राम पंचायत, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ शपथ एवं बीबीबीपी हस्ताक्षर अभियान, बाल लिंगानुपात एवं बाल सुरक्षा पर बैठकों का आयोजन, बीबीबीपी स्टीकर चस्पा करना, नेहरू युवा केन्द्र के साथ समन्वय कर विद्यालयों में खेलकूद गतिविधियां,राजकीय एवं निजी विद्यालयों में बालिकाओं में खेलों के प्रोत्साहन हेतु कार्यक्रमों का आयोजन, विद्यालयों में सामाजिक कल्याण एवं समुदाय जागरूकता पर पोस्टर, स्लोगन, वॉल पेंटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन, राजकीय विद्यालयों में विज्ञान मेलों एवं प्रदर्शनी का आयोजन, विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक नेताओं के साथ बाल विवाह उन्मूलन एवं रोकथाम हेतु बैठकों का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में आज अंतिम दिन जिला स्तर पर राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिका जन्मोत्सव, खेल, शिक्षा एवं सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत बालिकाओं के साथ कार्यक्रम, बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के लोकल चेंपियन की कहानियां प्रकाशित करवाने एवं पौधारोपण के कार्यक्रम आयोजित किए गए।वहीं महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय लाल मैदान महामंदिर परिसर में राष्ट्रीय बालिका दिवस धूमधाम से मनाया गया। इसके साथ ही मेगा पीटीएम का आयोजन भी किया गया। प्रधानाचार्य कमलेश वर्मा ने विद्यालय की सभी बालिकाओं को पुष्प देकर बालिका दिवस और उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामना दी। आयोजन में बड़ी संख्या में अभिभावकों ने भाग लिया। सभी शिक्षक इस आयोजन में मौजूद रहे।इसी तरह राजकीय महाविद्यालय जोधपुर में महिला प्रकोष्ठ, एनएसएस तथा ईएलसी के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया। प्राचार्या डॉ संतोष जैन ने सभी बालिकाओं को स्वावलंबी होने के लिए प्रेरित किया। महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉक्टर अर्चना गौड़ ने बताया कि इस अवसर पर मुख्य अतिथि ग्राम तनावाडा की सरपंच रेखा प्रजापत ने छात्राओं को परंपराओं का सम्मान करते हुए प्रगति के पथ पर बढऩे के सुझाव दिए। डॉ रचना अवस्थी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। एनएसएस प्रभारी डॉ महिमा गुप्ता ने शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन के प्रति बालिकाओं को जागरूक किया। डॉ सुषमा सोलंकी ने महिलाओं के समाज में योगदान की चर्चा की। महाविद्यालय की बालिकाओं ने अपने विचार व्यक्त किए साथ ही अनेक संस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी।