राजकीय कन्या महाविद्यालय सूरसागर में महिला प्रकोष्ठ एवं साहित्यिक सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में तीन दिवसीय वार्षिक कुसुमाकर महोत्सव सरस्वती पूजन के साथ प्रारंभ हुआ, इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) अरुण व्यास ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान की लोक संस्कृति बेमिसाल है और पूरे देश में तथा वैश्विक स्तर पर इसकी धाक है। राजस्थान की भाषा, साहित्य, गीत- संगीत एवं नृत्य, शौर्य और भक्ति, पहनावा, वास्तुकला और सामाजिक समरसता की विशेषताएं पूरी दुनिया को आकर्षित करती है। उन्होंने कहा कि छात्राएं कुसुमाकर महोत्सव में राजस्थानी लोक कला और संस्कृति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए अपने व्यक्तित्व में निखार लाएं। कार्यक्रम के पहले दिन आयोजित रंगोली प्रतियोगिता में छात्राओं शुभिका गहलोत, विशाखा और लविशा के समूह ने प्रथम और प्रियंका सोलंकी, लक्षिता और खुशी सांखला के समूह ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। चम्मच रेस में छात्रा आशा प्रथम, उषा द्वितीय और भारती तृतीय स्थान पर रही। बालिका शिक्षा थीम पर पोस्टर प्रतियोगिता में छात्रा प्रियंका सोलंकी ने प्रथम, पायल राजपुरोहित ने द्वितीय और लीना कच्छवाह ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। आनलाइन शिक्षा के लाभ और हानि विषय पर निबंध प्रतियोगिता में छात्रा उषा प्रजापत ने प्रथम, प्रियंका सोलंकी ने द्वितीय और पायल राजपुरोहित ने तृतीय स्थान हासिल किया। म्यूज़िकल चेयर प्रतियोगिता में छात्रा खुशी सांखला ने प्रथम, पूजा चौधरी ने द्वितीय और लक्षिता ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिताओं में संकाय सदस्य प्रोफेसर (डॉ) अनुराधा श्रीवास्तव, डॉ कन्हैयालाल सारण, डॉ प्रियंका यादव और मोअज्जम अली ने निर्णायक की भूमिका निभाई तथा मीडिया प्रभारी सतीश बोहरा ने सफल संचालन में सहयोग किया। आगामी दिनों में कुसुमाकर महोत्सव में मेहंदी प्रतियोगिता, सलाद सज्जा, केश सज्जा, आशुभाषण प्रतियोगिता, एकल और सामूहिक गायन एवं नृत्य और विचित्र वेशभूषा प्रतियोगिताएं आयोजित होगी। कार्यक्रम संयोजक डॉ अलका बोहरा ने बताया कि तीसरे दिन प्रतियोगिताओं के सम्पन्न होने के उपरांत वार्षिक समापन समारोह में कुसुमाकर महोत्सव के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं और पूर्व में आयोजित कालेज स्तरीय खेल-कूद प्रतियोगिताओं में विजेता रही छात्राओं को पुरस्कृत किया जाएगा।