जोधपुर। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने कहा कि कला और साहित्य अभिव्यक्ति के रचनात्मक स्वरूप हैं और मनुष्य सदैव इन्हें अधिक से अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रयत्नशील रहा है। यह बात उन्होंने यहां कथा साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान द्वारा होटल चन्द्रा इन के प्रेक्षागृह में आयोजित राज्य स्तरीय कथा अलंकरण समारोह को सम्बोधित करते हुए कही।उन्होंने विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की अपरिहार्यता के साथ अभिव्यक्ति के रचनात्मक कला एवं साहित्य को अधिक प्रभावी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लाभों के दोहन के तरीके खोजने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मनुष्य ने हमेशा अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए नए तरीके खोजे हैं। आर्टिफिशयल इन्टेलिजेन्स अब उन्हें ऐसा करने में और अधिक सक्षम बना रहा है। यह हमें सोचना होगा कि विज्ञान की इस महान खोज को किस तरह हम एक रचनात्मक उपकरण के रूप में अपनाते हैं। विज्ञान समाज के विकास में सबसे बड़ा उत्प्रेरक रहा है। विज्ञान ही है जो प्रकृति की जटिलता को खोलकर जीवन को सरल बनाता है। विज्ञान और तकनीकी के इस विकास को रोका नहीं जा सकता है। समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात कथाकार एवं शाइर हबीब कैफ़ी ने की। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केएल श्रीवास्तव, प्रख्यात प्रवासी भारतीय श्री तेजेन्द्र शर्मा उपस्थित रहे। समारोह में अतिथियों ने अलंकृत होने वाली विभूतियों को माल्यार्पण कर शॉल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र के साथ साहित्य भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर हाल ही में राजस्थान साहित्य अकादमी प्रदत्त मीरा पुरस्कार से समादृत डॉ पद्मजा शर्मा को कथा संस्थान की ओर से प्रख्यात शाइर शीन काफ निजाम ने शाल ओढा कर सम्मानित किया। समारोह में दशरथ कुमार सोलंकी, डॉ. कालूराम परिहार, डॉ. प्रकाशदान चारण, माधव सिंह राठौड़ ने कथा संस्थान से अलंकृत होने वाले हिंदी, राजस्थानी, उर्दू एवं असमियां साहित्यकारों, सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यिक पत्रिकाओं के संपादकों, अनुवादक, लिप्यंतरणकर्ता पत्रकारों के परिचय पढ़े। समारोह का संचालन कमलेश तिवारी ने किया। प्रारंभ में कथा संस्थान के संस्थापक सचिव साहित्यकार मीठेश निर्मोही ने अतिथिओं का अभिनंदन किया।इनका हुआ सम्मानसंस्थान के संस्थापक सचिव एवं साहित्यकार मीठेश निर्मोही ने बताया कि समारोह में जोधपुर में जन्मी हिन्दी की जानी-मानी कथाकार मनीषा कुलश्रेष्ठ (जयपुर) तथा राजस्थानी भाषा के लब्ध प्रतिष्ठ निबंधकार एवं इतिहासकार प्रोफेसर जहूर खां मेहर को उनके समग्र सृजन कर्म तथा सीमान्त लोक संगठन के अध्यक्ष, पाक विशिष्ट संघ एवं यूनिवर्सल जस्ट एक्शन सोसाइटी उजास के संस्थापक तथा भारत में पाक विस्थापितों एवं दक्षिण एशिया के शरणार्थी अधिकारों के लिए के संघर्ष करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हिन्दू सिंह सोढ़ा (जोधपुर) को उनके द्वारा की गई विशिष्ट सामाजिक सेवाओं के दृष्टिगत सूर्यनगर शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया। कथा अलंकरणों की इस श्रृंखला में हिन्दी के सुप्रतिष्ठ कवि विनोद पदरज (सवाई माधोपुर) को उनके कविता संग्रह यत्क्रोंचमिथुनादेकम् पर नन्द चतुर्वेदी कविता सम्मान हिन्दी के सुप्रतिष्ठ कथाकार डॉ. प्रबोध कुमार गोविल (जयपुर) को उनके समग्र सृजन कर्म पर पंडित चन्द्रधर शर्मा गुलेरी कथा सम्मान तथा हिन्दी की ही सुप्रतिष्ठ कथाकार प्रगति गुप्ता (जोधपुर) को उनके कथा संग्रह स्टेपल्ड पर्चियां पर रघुनंदन त्रिवेदी कथा सम्मान से समादृत किया गया। इसी तरह राजस्थानी में ख्यातनाम कवि एवं अनुवादक डॉ. मंगत बादल (रायसिंह नगर-श्रीगंगानगर) को उनके समग्र सृजन कर्म पर सत्यप्रकाश जोशी कविता सम्मान, जाने-माने राजस्थानी कथाकार डॉ. जितेन्द्र सोनी (जयपुर) को उनके राजस्थानी कहानी संग्रह भरखमा पर सांवर दइया कथा सम्मान तथा हिन्दी एवं राजस्थानी और हिन्दी के सुप्रतिष्ठ कहानीकार एवं उपन्यासकार डॉ. ओम भाटिया (जैसलमेर) को उनके हिन्दी एवं राजस्थानी के समग्र सृजन कर्म पर चैन सिंह परिहार कथा सम्मान, राजस्थान मूल के असमिया और हिन्दी के सुप्रतिष्ठ साहित्यकार, अनुवादक एवं लिप्यंतरण कर्ता देवी प्रसाद बागड़ोदिया (डिब्रूगढ़ -आसाम) को राजस्थानी से असमिया में लिप्यंतरित पुस्तक मीराबाई पर अगर चंद नाहटा लिप्यांतरण सम्मान एवं राजस्थानी के जाने-माने साहित्यकार एवं अनुवादक डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा (सुजानगढ़) को असमिया एवं सिंधी भाषा की कृतियों के राजस्थानी अनुवाद पर डॉ. नारायणसिंह भाटी अनुवाद सम्मान तथा उर्दू की सुप्रतिष्ठ साहित्यकार प्रोफेसर (डॉ.) सरवत खान (उदयपुर) को उनके समग्र सृजन कर्म कहानी एवं उपन्यास सर्जना पर इस्मत चुग़ताई कथा सम्मान से समादृत किया गया। इसी तरह साहित्यिक पत्रकारिता में विशिष्ट अवदान के लिए हिन्दी की साहित्यिक वार्षिकी कथारंग के संपादक एवं साहित्यकार डॉ. हरीश बी.शर्मा (बीकानेर) को प्रकाश जैन लहर साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान, बाल साहित्य की मासिक पत्रिका बाल वाटिका के संपादक एवं साहित्यकार डॉ. भैरूंलाल गर्ग (भीलवाड़ा) को जयप्रकाश भारती साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान, राजस्थानी त्रैमासिक कथेसर के संपादक एवं साहित्यकार रामस्वरूप किसान को पारस अरोड़ा अपरंच साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान तथा पत्रकारिता क्षेत्र में अपने जीवनकाल में किए गए विशिष्ट अवदान के लिए पत्रकार गुलाब बत्रा (जयपुर) को गोवद्र्धन हेड़ाऊ रचनात्मक पत्रकारिता सम्मान एवं सैयद मुनव्वर अली (जोधपुर ) को चंद्रशेखर अरोड़ा रचनात्मक पत्रकारिता सम्मान से समादृत किया गया।