जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर प्यासे कंठों पर राजनीति करने का बड़ा आरोप लगाया है। शेखावत ने दो टूक कहा कि जनता ने उनको पाप की सजा दी है।
शेखावत ने जोधपुर पहुंचने पर मीडिया से बातचीत में कहा कि पूर्वी राजस्थान में सिंचाई के निमित्त स्वर्गीय अटल वाजपेयी के समय पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदियों को जोडऩे की परिकल्पना की गई थी लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण परियोजना को स्थगित कर दिया गया। बाद में वसुंधरा राजे की सरकार के समय राजस्थान के पूर्वी हिस्से के 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई को लेकर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) की कल्पना की गई थी लेकिन मध्य प्रदेश व राजस्थान के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण और अशोक गहलोत सरकार की हठधर्मिता के चलते हुए वो भी सिरे नहीं चढ़ पाई। शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत इसको राजनीतिक गोटी की तरह इस्तेमाल कर रहे थे। बार-बार इसको लेकर राजनीतिक लाभ के लिए टिप्पणियां करते थे।
इसके बाद भी पूरे देशभर के हाइड्रोलॉजी के विशेषज्ञ और मध्य प्रदेश व राजस्थान के इंजीनियर्स को साथ बैठाकर पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना तथा ईआरसीपी को इंटीग्रेटेड कर एक नदी जोडऩे की परियोजना पर विचार किया। सुप्रीम कोर्ट ने जो इंटरलिंकेज ऑफ रिवर के लिए कमेटी बनाई थी उसने इसको अप्रूव कर दिया था और इंटरलिकेंज ऑफ रिवर्स के रूप में मान्यता प्रदान की थी। कमेटी ने इसको नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान के तहत प्राथमिकता के साथ करेंगे, उस रूप में मान्यता प्रदान की थी। शेखावत ने कहा कि उस समय भी अधिकारियों के स्तर पर चर्चा की थी लेकिन दुर्भाग्य से क्योंकि राजनीतिक रूप से अशोक गहलोत सरकार इसको नहीं करना चाहती थी, अधिकारियों के स्तर पर सहमति बन जाने के बावजूद भी यह नहीं हो पा रही थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों की सरकारी बदली और अशोक गहलोत जिस तरह से प्यासे कंठों पर राजनीति कर रहे थे और जिस तरह से सूखी धरती और किसान की अपेक्षाओं के ऊपर राजनीति करने, अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इसको चारे और गोटी के रूप में उपयोग में लेने का पाप कर रहे थे इस पाप का दंश उनको निश्चित रूप से भोगना पड़ेगा। शेखावत ने कहा कि जनता ने उनको पाप की सजा दी और जैसा कहा था कि आने वाले समय में हम पहली कैबिनेट के साथ में इसको पूरा करेंगे। रविवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव दोनों साथ बैठे, अधिकारियों के साथ बैठकर इसमें जितने भी गतिरोध थे, उनको हटाकर इस परियोजना के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। यह निश्चित रूप से 13 जिलों के लिए एक जीवनदायनी गंगा के रूप में होगी लेकिन साथ-साथ वहां के आर्थिक परिदृश्य को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका का निर्वाहन करेगी। जोधपुर के एलीवेडेट प्रोजेक्ट पर शेखावत ने कहा कि यह बहुत जल्दी होने वाला है।