जोधपुर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र द्वारा महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन की दिशा में आयोजित की जा रही साप्ताहिक व्याख्यान श्रंृखला की द्वितीय कड़ी में मंगलवार को राजकीय कन्या महाविद्यालय सूरसागर में राजनीति एवं महिला: कल आज और कल विषय पर व्याख्यान आयोजित हुआ।केंद्र निदेशक डॉ. धनन्जया अमरावत ने बताया कि इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. दिनेश गहलोत थे। डॉ. गहलोत ने संविधान सभा में विद्यमान 15 महिलाओं के महत्ती योगदान को स्पष्ट करते हुए कहा कि इन महिलाओं का यहां तक पहुंचना उनकी खुद की योग्यता का सूचक है। देश के संविधान निर्माण में इस सभा की प्रत्येक महिला सदस्य के योगदान को विस्तार से बताते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में इनकी जबरदस्त आहुतियां हैं और उनका महत्वपूर्ण योगदान है। महिला हित में हुए संविधान संशोधन के विभिन्न अनुच्छेदों की विस्तारपूर्वक व्याख्या करते हुए कहा कि भविष्य में महिलाओं की राजनीतिक भूमिका के सन्दर्भ में सुखद नतीजे आने की आशा है। महिला अध्ययन केन्द्र निदेशक डॉ. अमरावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज की शिक्षित नारी विभिन्न क्षेत्रों में देश के विकास में रेखांकित करने योग्य योगदान दे रही है लेकिन राजनीतिक परिदृश्य में आज भी वांछित भागीदारी का प्रतिशत कम हैं क्योंकि हम अपनी क्षमताओं का ठीक से आंकलन नहीं कर पा रहे हैं और इसलिए जरूरत है खुद पर अटूट विश्वास की जो हमें इस क्षेत्र में भी सुदृढ़ता से स्थापित करेगा। डॉ. अनुराधा श्रीवास्तव व डॉ. सतीश बोहरा ने भी महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त किये। डॉ. अमरावत ने कार्यक्रम में शामिल अतिथियों का स्वागत किया तथा महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. अरूण व्यास ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. प्रियंका यादव ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ. अल्का बोहरा, डॉ. जयश्री सोनी, रमेश चौहान व नरेन्द्र सैन कार्यक्रम में उपस्थित रहें।