जोधपुर। मथुरादास माथुर हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया हैं। चिकित्सकों ने एक बालक के जन्मजात जननांग विकृति का सफल ऑपरेशन किया है।पीडियाट्रिक यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके सारण ने बताया कि जोधपुर निवासी 15 वर्षीय बालक जन्मजात जननांग की विकृति हाइपोस्पीडियास से ग्रसित था। इस बीमारी में पुरुष के लिंग में पेशाब के छेद की स्थिति जन्मजात सामान्य ना रहकर नीचे की तरफ होती हैं, जिससे पेशाब में आंशिक या पूर्ण रुकावट के साथ अन्य समस्याएं जननांग में टेड़ापन, जनन क्षमता में कमी व दीर्घकालिक गुर्दे सम्बधित बीमारियां व गुर्दे खराब होने का डर रहता हैं। मरीज मथुरादास माथुर अस्पताल में आने से पूर्व अन्यत्र चिकित्सालयों में दो बार ऑपरेशन करवा चुका था जो कि असफल रहे। इससे मरीज की स्थिति में सुधार होने के बजाय और गंभीर हो गई और पेशाब नली में पेन यूरेथरल स्टिक्चर (सम्पूर्ण पेशाबनली में रुकावट) हो गई जिससे पेशाब आना पूर्णरूप से बन्द हो गया तथा रुकावट की वजह से मरीज को पेशाब नली का इंफेक्शन हो गया। जब मरीज को एमडीएम हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक यूरोलाजी विभाग में दिखाया गया तो पहले सीधे पेशाब की थैली में नली डालकर पेशाब के रास्ते को बायपास किया तथा एंटीबायोटिक व दवाइयों के माध्यम से इंफेक्शन ठीक किय। आरजीयू व एमसीयू जांच के माध्यम से पेशाब नली की रूकावट व क्षतिग्रस्त भाग की लंबाई का पता लगाया। मरीज के पूर्व में दो असफल ऑपरेशन होने की वजह से पेशाब नली का काफी हिस्सा खराब हो गया था जिसको मुंह की चमड़ी का कुछ हिस्सा लेकर नया बनाने का प्लान किया गया। पूर्व में हुए असफल ऑपरेशन के कारण इस सर्जरी में बहुत दिक्कते थी जिसके बारे में मरीज और परिजनों को बताकर ऑपरेशन का प्लान किया गया।चिकित्सकों की टीम ने चार घंटों की कड़ी मेहनत के बाद इस जटिल ऑपरेशन को सफल बनाया। चिकित्सकों की टीम में पीडियाट्रिक यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. आरके सारण, डॉ. लोकेश, डॉ. सवजोत सिंह, डॉ. शाहरुख लोहार, डॉ. विशनाराम, डॉ. कमल तथा निश्चेतना विभाग के डॉ. गीता, डॉ. देवेंद्र तथा नर्सिंग स्टाफ में सलीम, देवकरण तथा वरुण मौजूद रहे। इस आपरेशन के दौरान मरीज की क्षतिग्रस्त पेशाब नली के हिस्से को हटाया गया तथा मुंह के अंदर की चमड़ी का कुछ हिस्सा लेकर उससे पेशाबनली बनाई गई और खराब हटाए गए पेशाब नली वाले हिस्से में प्रत्यारोपित किया गया। इसके बाद कुछ दिनों तक मरीज को पेशाब की नली लगाकर रखा गया जिसको हटाने के बाद मरीज सामान्य धार के साथ पेशाब कर पा रहा है। एमडीएम हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरिया ने बताया कि मरीज का हॉस्पिटल में निशुल्क इलाज किया गया। डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल व कंट्रोलर डॉ. रंजना देसाई ने बताया कि राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के तहत जटिल से जटिल ऑपरेशन निशुल्क किये जा रहे हैं।