जोधपुर। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि रेलवे टिकटों का टीडीआर फाइल करने के बाद यात्री ट्रेन में सफर करते पाया जाता है तो उसे बिना टिकट मानकर जुर्माना वसूल किया जाएगा।
उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर सीनियर डीसीएम विकास खेड़ा ने बताया कि टिकट चेकिंग स्टाफ द्वारा पिछले कुछ समय से यह संज्ञान में लाया जा रहा था कि रेल यात्री आरक्षित टिकटों पर धनवापसी के लिए टीडीआर फाइल करने के बाद भी ट्रेन में अपनी बर्थों पर यात्रा कर रहे हैं जो न्यायोचित नही है। इस पर रेल मंत्रालय से गाइडलाइन मांगी गई जिसमें गुरुवार को जारी पत्र में रेलवे ने स्पष्ट किया है कि टीडीआर भरने और एचएचटी मशीन में इसका ब्यौरा अपडेट होने के बाद कोई यात्री ट्रेन में अपनी आरक्षित सीट पर यात्रा करता पाया जाता है तो उसे बिना टिकट यात्रा के रूप में माना जाएगा और नियम के अनुसार देय जुर्माना राशि का भुगतान करने के लिए वह स्वयं उत्तरदायी होगा। उन्होंने बताया कि रेल प्रशासन से प्राप्त इन दिशा -निर्देशों से मंडल के टिकट चेकिंग स्टाफ को अवगत करवा दिया गया है तथा इसकी पूर्ण रूप से पालना करते हुए टिकट चेकिंग कार्य निष्पादित करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
यह जारी हुए आदेश
आदेश में कहा गया है कि आरक्षित यात्री किसी कारण से यात्रा नही करना चाहता और रेलवे से रिफंड के उद्देश्य से टीडीआर (टिकट डिपॉजिट रिसिप्ट) फाइल करता है इसके बावजूद वह ट्रेन में सफर करता है तो वह रेलवे को धोखा देने की श्रेणी में आता है । टीडीआर फाइल करने वाले यात्री का विवरण टीटीई की टेबलेट एचएचटी मशीन पर आ जाता है तथा यात्री का नाम व अन्य विवरण लाल रंग में बदल जाता है। आदेशानुसार ऐसे यात्री की बर्थ कैंसिल करके आरएसी अथवा प्रतीक्षा सूची वाले यात्री को दे दी जाएगी।