जोधपुर। माचिया बायोलॉजिकल सफारी पार्क की बाघिन अंबिका की सोमवार शाम को मृत्यु हो गई। तापमान बढऩे से हीट वेव की चपेट में आने से उसकी मौत की आशंका जताई जा रही है। हीटवेव के चलते वन्यजीवों के खाने की क्षमता कम हो जाती है और वह गर्मी से परेशान भी होते हे।
माचिया बायोलॉजिकल पार्क के रेंजर बालाराम विश्नोई ने बताया कि पार्क के रेंजर बालाराम विश्नोई ने बताया कि सोमवार शाम को अम्बिका को खाना खिलाया गया था। उस समय वह पूरी तरह से स्वस्थ्य थी। उसके बाद शाम को वह गहरी नींद में सो रही थी। उसे उठाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं उठी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मृत्यु के कारणों का खुलासा होगा। बाघिन अंबिका को 2016 में माचिया पार्क में बाघों का कुनबा बढऩे के लिए कानपुर से लाया गया था। अंबिका की मौत के बाद उसका पार्टनर एंथोनी अब अकेला रह गया है। जोधपुर के माचिया पार्क में केट सेक्शन में वर्तमान में दो लॉयन, एक टाइगर और चार लेपर्ड हैं।
पथरीली सतह पर विकसित माचिया पार्क में वन्यजीवों को गर्मी से बचाने के लिए पिजरों के पास वाटर कूलर लगाए गए हैं। वन्य जीवों पर समय-समय पर पानी भी डाला जाता है, लेकिन इन दिनों प्रचंड गर्मी के चलते ये इंतजाम नाकाफी हो रहे हैं। इसके अलावा गर्मी के चलते जीवों का खाना पीना वैसे भी कम हो जाता है। ऐसे में गर्मी की चपेट में उसकी मृत्यु होने की आशंका जताई जा रही है। बाघिन अंबिका की मौत शायद लू लगने से हुई हो। वह सोमवार को लंबे समय से नींद में सो रही थी। उसे उठाया नहीं गया और काफी समय निकलने के बाद भी अंबिका जब नहीं उठी, तब कर्मचारियों को शक हुआ। इस पर उन्होंने बाघिन को उठाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं उठी। जांच करने पर पता चला कि उसकी मृत्यु हो चुकी है।