जोधपुर। बच्चे जब अपनी उम्र की किसी विधा से रूबरू होते हैं तब उनका उत्साह देखते ही बनता है, कब वो उस धारा में बह जाते हैं पता ही नहीं चलता, ऐसा ही दृश्य आज बन पड़ा राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में भट्टी की बावड़ी क्षेत्र में चल रहे बाल नाट्य प्रशिक्षण शिविर में। शुक्रवार को कठपुतली के प्रसिद्ध कलाकार भरत भाट ने कठपुतलियों के माध्यम से बच्चों को वो कहानियां सुनाई और दिखाई जो वह किसी कॉमिक्स में या शायद दादा नानी से सुनते आये हैं।
ग्रीष्मकालीन अवकाश में चल रहे बाल नाट्य प्रशिक्षण शिविर संयोजक एवं प्रधानाध्यापक रहमतुल्लाह ख़ान ने बताया कि इस शिविर में भाग लेने वाले बच्चों में बहुत ही उत्साह है। आज के प्रदर्शन में लोक कलाकार भरत भाट ने कठपुतली प्रदर्शन के उपरान्त बच्चों के हाथों में कठपुतलियां थमाकर न केवल उसके बनने की प्रक्रिया समझाई बल्कि धागों के माध्यम से उसके संचालन के हुनर की बारीकियों से भी अवगत करवाया। शिविर निर्देशक प्रमोद वैष्णव ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए बताया कि वर्तमान इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स ने बच्चों को उनके बचपन से दूर कर दिया है, हमारा प्रयास रहता है कि रंगमंच के माध्यम से बच्चों को वापस उनके बचपन तक ले जाया जाए, इसके लिये शिविर में रंगमंच से जुड़ी अन्य ललित कलाओं का भी समावेश किया जा रहा है जिसमें लेखन, कहानी कला, पेण्टिंग, संगीत, नृत्य, गायन इत्यादि के विशेषज्ञों को आमन्त्रित करके बच्चों के साथ संवाद करवाया जाएगा। इस अवसर पर निहार ख़ान, एमएस ज़ई, ख़लील ख़ान, भाविका टाक व अभिभावक भी उपस्थित थे।