जोधपुर। समूचे विश्व में बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान शहर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए कई स्थानों पर पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली गई। इस दौरान अलग-अलग संस्थाओं व संगठनों द्वारा शहरभर में पौधारोपण, सेमिनार, सम्मान समारोह सहित जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
आध्यात्मिक क्षेत्र पर्यावरण संस्थान की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस पर बुधवार को संस्थान का 44वां स्थापना दिवस एवं 37वां वृक्षबंधु पुरस्कार वितरण समारोह महिला पीजी महाविद्यालय में आयोजित हुआ। संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष रामजी व्यास ने बताया कि समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व नरेश गजसिंह थे जबकि अध्यक्षता संत डॉ. रामप्रसाद महाराज ने की। मुख्य वक्ता अभिषेक सिंघल थे। विशिष्ट अतिथि विश्व हिंदू परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राम गोयल, पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. आनंदराज व्यास एवं राजेंद्र बाहेती थे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष का वृक्ष बंधु पुरस्कार डीआरएम पंकज कुमार सिंह को दिया गया। साथ ही पर्यावरण व विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 11 प्रतिभाओं को स्वर्ण, 29 को रजत एवं 16 को कांस्य पदक सहित कुल 58 प्रतिभाओं को पुरस्कार दिया गया।
काजरी स्थित भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की परियोजना मरुस्थलीकरण नियंत्रण पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका कार्यक्रम (ईआईएसीपी) द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। प्रभारी निदेशक डॉ. एसपीएस तंवर ने पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शपथ दिलाई तथा कहा कि पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार करें। ईआईएसीपी के प्रभारी डॉ. पीसी महाराणा ने, विश्व पर्यावरण दिवस के महत्व एवं कृषि वानिकी, मरुस्थलीकरण तथा संस्थान के निदेशक डॉ. ओपी यादव के नेतृत्व में विकसित एग्रो इको टूरिज्म पार्क में लगे 150 प्रजातियों के पौधों एवं टिब्बा स्थरीकरण के लिए अपनाई गई वनस्पति अवरोध तकनीक के बारे में विस्तार से बताया। कृषि वानिकी क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी ने ईआईएसीपी केंद्र द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए बनाये गए पोस्टरों का विमोचन भी किया।
राजस्थान स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पहल फाउंडेशन के सहयोग से बुधवार सुबह अशोक उद्यान में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी श्ल्पिी शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में कपड़े के बैग, पानी के परिंडे और पौधों का भी वितरण किया गया।
मोहिनी योग संस्थान के तत्वावधान में योग गुरू मुक्ता माथुर के मार्ग दर्शन में अशोक उद्यान में योग अभ्यास के साथ पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में सभी की भागीदारी का अहसास दिलाते परस्पर पौधे भेंट करवाकर, उनके सही स्थान पर स्थापित करने और उनके लालन पालन की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर नीम, गुलमोहर, पीपल, अमलतास, आंवला, अमरूद, जामुन, आम, मोगरा, चम्पा,,रातरानी, कनेर, बोगनवेलिया सहित विभिन्न प्रजाति के छायादार, फलदार और फूलदार पौधे भेंट किए।
बेटी एक मुस्कान नई सोच संस्थान की अध्य्क्ष स्नेहा भण्डारी व उनकी टीम ने पर्यावरण दिवस पर मधुबन हाउसिंग बोर्ड स्थित यंग क्लब पार्क में नीम व खारी बादाम के पौधे लगाए। साथ में पूरे पार्क में परिंडे भी लगाए। मधुबन हाउसिंग बोर्ड के मोहल्लेवासियों ने इन पौधों की देखरेख का पूरा जिम्मा लिया। कार्यक्रम में संस्थान के आशीष कन्नौजिया और युवा फि़ल्म निर्देशक सुनील पुरोहित का सहयोग रहा।
स्प्रेड स्माइल सोसायटी ने आर्मी चिल्ड्रंस एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण और संरक्षण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में स्प्रेड स्माइल सोसायटी के अध्यक्ष ने स्वस्थ पर्यावरण को बनाए रखने में पेड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और व्यक्तियों और समुदायों से प्राकृतिक दुनिया की रक्षा और पोषण के लिए कार्रवाई करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में विवेक मिश्रा, आरिफ खान, कमलेश, अरविन्दर सिंह, आबिद, रियाज़, बासित खान आदि उपस्थित थे।
पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में कार्यरत गहरी फाउंडेशन की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस पर बुधवार को खेजड़ी सहेजो महाअभियान की शुरूआत की गई। अभियान के अंतर्गत फाउंडेशन ने केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, भारत सरकार (काजरी) से एबीआईसी से ट्रेनिंग प्राप्त कर जोधपुर से 25 किलोमीटर दूर मियासनी गांव में एक लाख खेजड़ी के पौधों की नर्सरी तैयार की है। नर्सरी का उद्घाटन व पौधरोपण कार्यक्रम बुधवार मियासनी गांव में पर्यावरणविदों की ओर से किया गया।
राजकीय सुमेर सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सुबह कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस वर्ष की विश्व पर्यावरण दिवस की थीम भूमि पुनसर््थापना, मरुस्थलीकरण एवं सूखा प्रत्यास्थता थी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वक्ता प्रोफेसर डॉ. नीति रुस्तगी थी। पर्यावरणविद् एवं गांधी स्ट्डी सर्कल के संयोजक अशोक चौधरी ने विशिष्ट अतिथि वक्ता के रूप में सामूहिक जन भागीदारी से पर्यावरण संरक्षण विषय पर संबोधन दिया।