जोधपुर। सूरसागर स्थित मगजी की घाटी में वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने को लेकर आज बवाल हो गया। यहां पर संरक्षित वन भूमि पर करीब 2 हजार हैक्टर में 62 खसरों पर अतिक्रमण है, जिसे हटाने के लिए वन विभाग, पुलिस, जेडीए, नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची लेकिन वहां रहने वाले लोगों ने इसका विरोध जताया। यहां करीब दो से तीन हजार मकान बने हुए है। इन लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। दोपहर बाद तक यहां तनावपूर्ण स्थिति हो रखी थी। बाद में यहां से अवैध कब्जे हटाए लेकिन रहवासीय मकानों को नहीं नहीं हटाया गया।
दरअसल शहर के निकट मगजी की घाटी पहाड़ी क्षेत्र में वन विभाग की भूमि है। यहां वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी हो रखे है। इसके लिए अतिक्रमियों को पहले से नोटिस भी दिए गए। आज सुबह वन विभाग के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने लगे लेकिन क्षेत्र के लोगों ने इसका पुरजोर विरोध जताया और अतिक्रमण हटाने को लेकर अपना रोष जाहिर किया। लोगों का कहना था कि उन्हें बिना वजह परेशान किया जा रहा है। हर बार इसी जगह पर आकर अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा जाता है, जबकि निचली बस्ती में रहने वाले लोगों को नहीं हटाया जाता है। लोगों के विरोध प्रदर्शन का देखते हुए पुलिस के आला अधिकारियों के साथ काफी संख्या में पुलिस व आरएसी के जवान वहां मौजूद रहे। वन विभाग के अफसरों ने उन्हें नोटिस भी दिखाए और अतिक्रमण को हटाने की बात की। लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने भी लोगों से समझाइश की। बाद में लोग अवैध कब्जे हटाने की बात करने लगे। लोगों के रहवासीय मकानों को नहीं हटाया गया है जबकि अवैध कब्जों को वहां से हटाने की कार्रवाई की गई।
बता दे कि यहां पर रामजी व्यास बनाम राजस्थान सरकार रिट पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई की जा रही है। इसमें नोडल वन विभाग है। पर्यावरण विद् रामजी व्यास ने इस संबंध में वर्ष 2021 में याचिका दायर की थी। मगजी की घाटी बेरी गंगा में 62 खसरों में करीब 2 हजार हैक्टर भूमि पर अतिक्रमण हो चुका है। करीब 2 से 3 हजार मकान बन चुके है, यहां बिजली-पानी कनेक्शन भी है जबकि यह संरक्षित वन क्षेत्र है। 1980 के वन संरक्षण अधिनियम की अवहेलना हो रही है। किसी भी वन भूमि को गैर वन भूमि में कनवर्ट राज्य सरकार नहीं कर सकती। इस क्षेत्र में पानी-बिजली के कनेक्शन तक दिए जा चुके है।
अगली सुनवाई 8 जुलाई को
हाईकोर्ट ने रिट याचिका पर गत सुनवाई के दौरान कलेक्टर, डीएफओ वन विभाग को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। अगली पेशी से पहले कार्रवाई करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने संबंधित विभाग को कार्रवाई के आदेश दिए। इस पर सचिव वन विभाग, वन संरक्षण जोधपुर, उप वन संरक्षक, कलेक्टर, आयुक्त जेडीए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी नगर निगम, अधिशासी अभियंता लोक स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड व तहसीलदार जोधपुर ने हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करने पहुंची। अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।