जोधपुर। अचलनाथ महादेव मंदिर में चल रही भागवत कथा के दौरान कथावाचक मोहित भाई शास्त्री ने कहा कि भक्त की करूणा पुकार सुन प्रभु भक्त की रक्षा के लिए चले आते है। भक्त प्रहलाद, भक्त ध्रुव, भक्त गजराज सहित अनेक भक्तों पर जब जब भी संकट आया तब उनकी पुकार सुनकर भगवान ने उनकी रक्षा भी की और भक्त और भगवान की महिमा भी रखी।
कथा में भक्त प्रहलाद और नृसिंह-भगवान की जीवित झांकी की मनमोहक प्रस्तुति पर श्रद्वालु मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे। संस्कृत गुरुकुल सांदीपनि राजकोट के आचार्य धवल भाई ने संगीतमय भजन श्रीकृष्ण गोविंद हरे … की प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि भागवत कथा श्रवण से मन प्रवित्र तो होता ही है वही भारतीय संस्कार भी जागृत होते है। जहां भागवत कथा होती है वो स्थान भी प्रवित्र हो जाता है। मंहत मुनेश्वर गिरी महाराज ने कहा कि महादेव मंदिर में भागवत कथा का होना व श्रवण करना ये पूर्व जन्म के पुण्य के बल पर ही सम्भव होता है। भक्त और भगवान को मिलाने वाली ही भागवत कथा है। आयोजन समिति के पंडित मांगीलाल दाधीच ने बताया कि अचलनाथ महादेव मंदिर के व्यवस्थापक कैलाश महाराज ने आचार्य धवल व साध्वी दिव्या जैन व विनोद सोनी, अशोक तम्बोली परिवार पान वाला, सुरेंद्र माछर, गौरीशंकर दाधीच को शॉल व माला पहनाकर स्वागत किया।