जोधपुर। इन्टैक जोधपुर चैप्टर, अनदया फाउण्डेशन, मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट एवं जोधपुर लोर के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महामंदिर झालरे के जीर्णोद्वार का शुभारंभ किया गया।
महामंदिर के निकट दूसरी व तीसरी पोल के मध्य में महामंदिर झालरा है, यह करीब 220 वर्ष पुराना है। कभी इसका पानी पीने के काम आता था। झालरे का निर्माण पूर्व महाराजा मानसिंह ने महामंदिर नाथजी के आसन में पीने के पानी व्यवस्था के लिए करवाया था। इन्टैक जोधपुर चैप्टर के संयोजक डॉ. महेन्द्रसिंह तंवर बताया कि महामंदिर झालरे के जीर्णोद्वार कार्य जोधपुर मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के वरिष्ठ इंजीनियर शैलेष माथुर एवं जोधपुर लोर के संस्थापक आर्किटेक्चर अनु मदुल की देखरेख में किया जाएगा। झालरे के जीर्णोद्वार में व्यय होने वाली राशि अनदया फाउण्डेशन की फाउण्डर अनदया द्वारा वहन की जाएगी। इन्टैक जोधपुर चैप्टर द्वारा सभी के सहयोग से इस ऐतिहासिक झालरे के जीर्णोद्वार का कार्य किया जाएगा। साथ ही अनदया फाउण्डेशन के सहयोग से समय-समय पर लोगों को जल के प्रति जागरूक करने का अभियान भी चलाया जाएगा। अनदया फाउण्डेशन की फाउण्डर अनदया ने इस झालरे के जीर्णोद्वार की जिम्मेदारी ली है, जो 11वीं की छात्रा है। इस अवसर पर जोधपुर लोर के संस्थापक आर्किटेक्चर अनु मदुल, महावीर सिंह चांदावत, मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट से शैलेश माथुर, सुनील लाघाटे, डॉ. विक्रम सिंह राठौड़, किताबों फेस्टिवल की संयोजक ईरा, अनदया के पिता गौरव जैन और उनके परिवार के सदस्य भी उपस्थित रहें।