जोधपुर। मेडिपल्स हॉस्पिटल के सीटीवीएस और कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट ने महज छह सेमी के चीरे से बाईपास सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर मरीज के स्वस्थ्य जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त किया गया। यह मरीज के लिए भी बहुत फायदेमंद रहा और ऑपरेशन के अगले दिन से ही वह स्वस्थ महसूस करने लगा। मेडिपल्स हॉस्पिटल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन्स की टीम के कारण पहली बार मिनिमली इनवेसिव तकनीक का उपयोग करके बाईपास सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
सर्जरी को लेकर सीटीवीएस सर्जन डॉ. रुचि वाटवानी ने बताया कि मरीज के हॉस्पिटल पहुंचने पर एंजियोग्राफी के बाद डॉ. प्रवीण कुमार गर्ग और डॉ. सौरभ बंसल ने बताया कि मरीज की तीनों नसों में ब्लॉकेज था जिसमें उन्होंने राइट नस को स्टेंट कर दिया तथा लेफ्ट का ब्लॉकेज ज्यादा होने के कारण सर्जरी की सलाह दी। उन्होंने बताया कि हृदय की सर्जरी सीने की हड्डी को काटकर की जाती है, लेकिन इस मामले में छाती में 6 सेमी चीरा लगाकर सर्जरी की गई। इस तरीके से ब्लड लॉस बहुत कम होता है तथा वेंटिलेटर पर भी कम रखना पड़ता है। सर्जरी के बाद मरीज की हालत में काफी सुधार हुआ है और उसे अस्पताल से मात्र तीन दिन में छुट्टी दे दी गई है। उसके सामने छाती पर कोई निशान तक नहीं हैं। उन्होंने बताया कि संभवतया प्रदेश में पहली बार न्यूनतम इनवेसिव दृष्टिकोण (एमआईसीएस) के माध्यम से बाईपास सर्जरी (सीएबीजी) की गई है। कार्डियक एनएस्थेटिक डॉ. नीरू ने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए विशेष निश्चितना की तकनीकों की आवश्यकता होती हैा। सफल सर्जरी के बाद हॉस्पिटल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुमिता अग्रवाल ने पूरे विभाग को बधाई दी।