जोधपुर। मरुधरा लोक कला और सेवा संस्थान की ओर से राजस्थान की लोक कला, संस्कृति, परंपरा, प्रकृति और विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर अपनी मखमली और दिलकश आवाज से लोक गीतों को स्वर देने वाले आजादी के बाद से लेकर अब तक के उन राजस्थानी लोक गायकों को विश्व संगीत दिवस की पूर्व संध्या पर सम्मान से नवाजा जाएगा जिनकी बदौलत राजस्थान की पहचान लोक संगीत के कारण देश और दुनिया में बनी है। इस आयोजन के पोस्टर का विमोचन जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केएल श्रीवास्तव ने किया।
मरुधरा लोक कला संगीत सेवा संस्थान की सचिव सुलोचना गौड़ ने बताया कि इस तरह का आयोजन पहली बार किया जा रहा है जिसमें यदि कलाकार दिवंगत हो गए हैं तो उनके परिवारजनों को सम्मानित किया जा रहा है। इस आयोजन के पोस्टर के विमोचन के दौरान संस्था की अध्यक्ष डॉ. स्वाति शर्मा के अलावा सचिव सुलोचना गौड़, डॉ. अर्चना गौड़, देवयानी पंवार, रश्मि शर्मा, रेखा रावत भी उपस्थित रही। संस्थान की मीडिया प्रभारी अलापी जायसवाल ने बताया कि समारोह में फतेह कुमारी व्यास, गवरी देवी, अल्लाह जिलाई बाई, कृष्णा छंगाणी, कालूराम प्रजापति, माली छंवर लाल गहलोत, कुशल बारहठ, रामचंद्र गोयल, मामे खा, बनारसी दास, स्वरूप खान और धीरा सैन को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए बनाई गई आयोजन समिति में सुरभि शर्मा, डिंपल गौड़, स्वाति शर्मा, अलापी जायसवाल, रश्मि शर्मा, सुनंदा पुरोहित, सुमन परिहार, पूनम गौड़, देवयानी पंवार, अनिता टाक, अनुसूया गोस्वामी और जूही शर्मा को जिम्मेदारी दी गई है।