जोधपुर। आचार्य चंद्रानन सागर सूरिश्वर का दिग्विजय नगर में हर्षोल्लास के साथ आगमन हुआ। उवसग्गहरं आराधक परिवार ट्रस्ट एवं पाल रोड सकल जैन श्री संघ द्वारा बैंड बाजों के साथ गुरुदेव का ठाठ बाट के साथ सामैया करवाया गया। पूरे रास्ते श्रद्धालु नृत्य करते हुए एवं जयकारे लगाते हुए गुरुदेव के प्रति निष्ठा प्रकट कर रहे थे।
प्रवक्ता दिलीप जैन एवं दिनेश मुणोत ने बताया कि सैकड़ों भक्तों की उपस्थिति में सामैया के पश्चात धर्म सभा का आयोजन हुआ। धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य चन्द्रानन सागर सूरीश्वर ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का धर्म में प्रवृत्त हुए बिना जीवन का कल्याण संभव नहीं है। उन्होंने धम्मों मंगल मुक्कि_ं की व्याख्या करते हुए कहा कि धर्म तत्व ही सर्वश्रेष्ठ उत्कृष्ठ मंगल है। इससे बढक़र इस दुनिया में कुछ भी नही।। जो निश्चित रूप से कल्याणकारी है। धर्म हमें जोडऩा सिखाता है। तोडऩा नही। उन्होंने धर्म के दो प्रकार बतलाए एक भाव तो दूसरा द्रव्य। उन्होंने समाज में विकास की आवश्यकता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि साधन, सामग्री, संपति एवं सत्ता कुछ भी स्थाई नहीं है। हमें इसका उपयोग धर्म कार्य में करना चाहिए। तन, मन एवं धन तीनों योग से किया जाना धर्म सार्थकता की नई इबारत लिखता है। राजेश बागरेचा एवं राकेश भंडारी ने बताया कि शुक्रवार को सुबह 10 बजे गुरुदेव की पवन निश्रा में शक्रस्तव महाभिषेक का आयोजन किया जाएगा। साथ वर्षीतप आराधकों को सामूहिक पच्चखान करवाते हुए गुरुवार द्वारा मंगल पाठ सुनाया जाएगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक युवक महासंघ पाल रोड़, जोधपुर ऋषभ सेवा मंडल तथा जिनशासन यूथ क्लब के सदस्य सहित उत्तम सुराणा एवं पृथ्वीराज पारख अपना विशेष सहयोग प्रदान कर रहे है।