जोधपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र एवं विभाग पंचम काजरी और जीआई जेड भारत के सहयोग से एक दिवसीय पीएम कुसुम जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
काजरी निदेशक डॉ.ओपी यादव ने एग्री-वोल्टाइक प्रणाली के बारे में बताते हुए कहा कि किसानों का विकास ही देश का विकास हैं, अब तक किसानों को अन्न उत्पादक के रूप में देखा गया है। अब नए-नए आयाम स्थापित हुए है, जिससे किसानों की भागीदारी बढ़ी हैं। पश्चिमी राजस्थान में सौर ऊर्जा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जिसमें 365 में से 250 दिनों तक ऊर्जा मिलती हैं। डॉ. पीपी रोहिला ने कहा कि पीएम कुसुम योजना का किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाए एवं आगे भी दूसरे किसानों को योजना के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देवें। डॉ. सुरेन्द्र पूनिया ने कहा कि सूर्य की गर्मी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, इसलियें किसान खेती के साथ बिजली भी पैदा करें। जीआईजेड भारत से रणजीत जाधव ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं प्रधानमंत्री कुसुम योजना के प्रायोगिक उद्देश्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में नांदिया कलां, नेवरा रोड, पालडी रानावता और लवारी आदि अलग-अलग गांवों से 53 किसानों की भागीदारी रहीं, जिसमें किसानों ने भी अपनी समस्याओं के बारे अवगत कराया। कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. बीएस राठौड़ ने सभी अतिथियों एवं लाभार्थियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. पूनम कालश ने किया। सुमित आनंद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।