जोधपुर। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति के मार्गदर्शन में गोद ग्राम भटिंडा में एक दिवसीय नशा मुक्ति चिकित्सा एवं जागरूकता शिविर तथा माह जून के विशिष्ट कार्यक्रम जल संरक्षण हेतु ग्रामवासियों में जलसंरक्षण के महत्व विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
गोद ग्राम भटिंडा के नोडल प्रभारी प्रोफेसर गोविंद गुप्ता एवं सह-नोडल प्रभारी डॉ. संजय श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा गोद ग्राम में नियमित रूप से समय-समय पर अनेकों प्रकार की चिकित्सकीय, स्वास्थ्यपरक जागरूकता एवं स्वच्छता के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसके बेहद सकारात्मक परिणाम हैं। इसी कड़ी में राजभवन द्वारा प्राप्त निर्देशों की अनुपालन में गोद ग्राम को नशा मुक्त करने के लिए वृहत स्तर पर नशा मुक्त अभियान शुरू किया गया जिसके तहत विवि की नशा मुक्ति इकाई द्वारा समय-समय पर नि:शुल्क शिविर, जागरूकता व्याख्यान एवं रैली के आयोजन किए जा रहे हैं। नशा मुक्ति विशेषज्ञ एवं शिविर प्रभारी डॉ. प्रवीण प्रजापति ने शिविर में आये अफ़ीम-डोडा, स्मैक, शराब, तंबाकू आदि के मरीजो को परामर्श देते हुए कहा कि विवि में डॉ. ऋतु कपूर के निर्देशन में चल रही नशा मुक्ति इकाई में सभी व्यसन के रोगियो के लिये भर्ती, दवाई, पंचकर्म एवं भोजन की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। साथ ही योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. मार्कण्डेय बारहठ ने शिविर में आए ग्रामीण जनों को जलसंरक्षण एवं प्राकृतिक चिकित्सा में जल के चिकित्सकीय उपयोग विषय पर विशेष व्याख्यान दिया। डॉ. बारहठ ने बताया कि जल संरक्षण का महत्व अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह हमारे जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करता है। जल पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक संसाधन है। जल संरक्षण के लिए हमें जागरूक रहना चाहिए और पानी की बचत के उपायों को अपने दैनिक जीवन में अपनाना चाहिए। शिविर में स्नातकोत्तर अध्येता डॉ. वैभव नरवाडे एवं नर्सिंग कर्मी दिनेश चौधरी ने अपनी सेवा दी।