जोधपुर। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान उत्तर पश्चिमी क्षेत्रीय केंद्र और केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान ने संयुक्त रूप से हाइड्रोलॉजिकल मॉडलिंग विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से विविध पृष्ठभूमि वाले शोधकर्ता, वैज्ञानिक और शिक्षाविद प्रतिभागी थे। प्रशिक्षण में मृदा और जल मूल्यांकन तकनीक के उपयोग पर व्याख्यान और व्यवहारिक ज्ञान का समावेश किया गया।
समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काजरी के प्राकृतिक संसाधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रियब्रत सांतरा ने प्रतिभागियों के साथ विचार-विमर्श किया तथा कृषि के क्षेत्र में प्रशिक्षण की उपयोगिता बताई। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सौरभ नेमा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। प्रतिभागियों ने कृषि-मौसम वेधशाला और एडी-कोवरियंस फ्लक्स टॉवर का दौरा किया। प्रशिक्षण समन्वयक मलखान सिंह जाटव, सह-समन्वयक दिलीप बर्मन, दीपेश माचीवाल, सुदेश सिंह चौधरी के सहयोग से कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया गया। कार्यक्रम के समापन पर डॉ. दीपेश माचीवाल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।