जोधपुर। जोधपुर जिला ग्रामीण के पीपाड़ खंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोरुंदा में पहली बार हृदय रोगी का थ्रोंबोलाइजेशन देकर प्रथम उपचार से जान बचाई।
अस्पताल में कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद मुजम्मिल ने बताया कि 78 वर्षीय मरीज रामरख ने ओपीडी में दिखाते हुए हार्ट में दर्द होने की शिकायत की, जिसके लिए उनकी ईसीजी करवाने पर डायग्नोसिस हुआ कि हार्ट अटैक (एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम/इन्फीरियर वाल एमआई) से ग्रसित था। इस बीमारी में हृदय को कार्य करने के लिए जो ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है उसकी पूर्ति नहीं हो पाती है और हार्ट अटैक आ जाता है। इसके पश्चात तुरंत नर्सिंग स्टाफ के साथ इंजेक्शन टेनेक्टेप्लेज लगाया गया। यह इंजेक्शन डिफिब्रिलेटर मशीन की उपस्थिति में दिया जाता है, क्योंकि कई केस में मरीज के यह इंजेक्शन लगने के कारण हृदय की धडक़न बढ़ जाती है, जो कि इस मशीन की मदद से कंट्रोल में की जा सकती है। मरीज की स्थिति सामान्य होने के बाद उन्हें उच्च इलाज व अग्रिम डायग्नोसिस के लिए एम्स जोधपुर के लिए रैफर किया गया।